प्रशासन कब से राजनितिक दलों के कार्यक्रम में सहभागिता करने लगा वाराणसी एक दंगल के कार्यक्रम में पहुंची सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि ‘काशी आने पर मुझे पता चला कि शिवाजी महाराज की जीवनी पर एक मंचन हो रहा है। 21 से 26 नवंबर के आस पास और जब मैंने न्यूज पेपर की हेडलाइंस पढ़ी तो मुझे बड़ा ही शॉकिंग लगा कि जो एक कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का अनुसांगिक संगठन करवा रहा है उसकी पैरवी और उसमे शामिल होने के लिए यहां का प्रशासन अपनी ताकत क्यों झोंक रहा है, तो ये कहीं न कहीं विरोधाभास है कि कब से प्रशासन, राजनितिक दलों के कार्यक्रमों में सहभागिता करने लगा।’
हिंदुत्व के चश्मे से क्यों देख रहे ये आयोजन उन्होंने आगे कहा कि ‘बलवंत मुरेश्वर ने जो प्रसिद्ध इतिहासकार हैं उनके लिखे जाणता राजा का मंचन लखनऊ और कानपुर के बाद वाराणसी में किया जा रहा है। मै बस ये जानना चाहती हूं कि आप अपने चश्मे से उनको हिंदुत्व की तरफ क्यों मोड़ना चाह रहे हैं। एक ऐसे राजा एक ऐसे युद्ध विजेता जिनकी अपनी तलवार की खनक थी, जिनकी अपनी पहचान थी, जिनकी वीरता की कहानियां हम अपने बच्चों को सुनाते आ रहे हैं। ऐसे राजा को उनके ही राज्य के पुरोहित ने राज्याभिषेक करने से इंकार कर दिया था और बनारस से ही गांगभट्ट काशी से गए और उनका राज्याभिषेक बाएं पैर के अंगूठे से किया, तो वो युद्ध विजेता महराज जो उस समय अपने ही राज्य में शुर्द्र महाराज होने के नाते सामाजिक अन्याय में जीता था वो आज भी चला आ रहा है और उन्हें आप आज भी हिंदुत्व के चश्मे से देख रहे हैं। तथ्य और सत्य के बीच का सेतु होता है इतिहास उससे खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। कुछ दिखाना है तो तथ्यों के आधार पर दिखाइए। तथ्य ये है कि उनकी सेना में 34 परसेंट मुस्लिम सैनिक थे। सच ये है कि उनका बावर्ची मुस्लिम था।
हलाल सर्टिफिकेशन बैन पर कुछ भी कहने से किया इनकार वहीं मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश में हलाल लिखे प्रोडक्ट्स बैन करने के सवाल पर सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन पर जो बैन लगाया गया है उसके पीछे आधार और तथ्य क्या है और इसके पीछे की वजह क्या है सबसे पहले वो बात हमारे बीच आ जानी चाहिए, तब ही उसपर टिप्पणी कर पाउंगी। देश की जनता ने 2014 से 2023 तक भारतीय जनता पार्टी को बार-बार मौके दिए हैं। इस आधार पर दिए हैं कि आप महिलाओं की सुरक्षा के लिए, रोजगार के लिए कुछ करेंगे। हमारी पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए कुछ करेंगे लेकिन ऐसा उन्होंने कोई कार्य नहीं किया। ऐसे में जो 5 राज्यों में चुनाव हुए हैं और अभी जहां बाकी हैं वहां रोजगार, सुरक्षा, शिक्षा की मांग, किसानों की आय दोगुनी होने की मांग को विपक्ष ने उठाकर भाजपा की घेराबंदी की है और वोट का प्रतिशत बताता है कि जो परिणाम आएंगे वो देश को नई दिशा में ले जाने का काम करेंगे।
पार्टी नेतृत्व करेगी वाराणसी से लड़ने का निर्णय आगामी लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री एक सामने उम्मीदवार के रूप में पल्लवी पटेल का नाम राजनितिक गलियारों में सुनाई दे रहा है के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘मैं एक कार्यकर्ता मात्र हूं जब 2024 का चुनाव आएगा तो हम राजनितिक पार्टी से हूं तो चुनाव से भागूंगी नहीं। यदि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मुझे जिम्मेदारी देता है तो अपना 100 प्रतिशत लगाउंगी और बाकी निर्णय नेतृत्व करेगा। कार्यकर्ता हूं और पार्टी के नेतृत्व का निर्णय मानूंगी।’ समाजवादी पार्टी की सामाजिक यात्रा पर लग रहे आरोपों पर कहा कि सत्ता पक्ष का काम है कि विपक्ष के हर कदम पर ऊंगली उठाना तो हम बता दें कि हमारी नीव ही है सामाजिक न्याय करना। आज हम सर्व समाज के हक और अधिकार की बात करते हैं। इस मुद्दे को लेकर हम चले हैं जिस प्रकार से जनता का स्नेह मिल रहा है हम सफल हो रहे हैं।
लड़ते-लड़ते भिड़ते-भिड़ते जुड़ेगा भारत जीतेगा इंडिया अखिलेश यादव और अजय राय के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच पल्लवी पटेल ने कहा कि ‘2022 में भी हमारे बड़े भाई के रूप में समाजवादी पार्टी साथ में थी और अभी भी है। उस वक्त भी सीटों की संख्या हमारा आधार नहीं थी। हमारा आधार था कि जनता के हित के मुद्दों को उठाकर हम आगे बढ़ें। हम सरकार नहीं बना पाए ये सत्य है लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि हमने 12 प्रतिष्ठा अधिक वोट पाए हैं। उसे लगातार बढ़ाने के लिए हम जनता के बीच जा रहे हैं और 2024 में भी हम मजबूती से लड़ेंगे। वहीं अजय राय के बयानों के बीच इंडिया एलायंस के बने रहने या टूट जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव घटक दलों का है और हम सभी को 80 सीटों पर लड़ना है क्योंकि हम सब जगह तैयारी करेंगे ताकी जो भी खड़ा हो उसे हमारा सपोर्ट मिल सके। मेरी पार्टी का यह उद्देश्य रहेगा कि हम एक पर खड़े हों या दस पर लेकिन अपन गठबंधन में वोट गिराएं। दोनों नेताओं के बीच हो रही टिप्पणी पर कहा कि बस यही कहूंगी कि 2024 चुनाव आते-आते, लड़ते-लड़ते, भिड़ते-भिड़ते जुड़ेगा भारत जीतेगा इंडिया।