ठेकेदार हत्याकांड के बाद पुलिस ने दर्जनों संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। सूत्रों की माने तो नितेश सिंह के इतने अधिक दुश्मन थे कि पुलिस को अभी तक पता नहीं चल पाया है कि हत्या का मास्टरमाइंड कौन है और पुलिस अभी अंधेरे में ही तीर चला रही है। बनारस में पिछले कुछ माह में हुई कई हत्याओं में यह एक ऐसा मर्डर है जिसका खुलासा करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। फिलहाल पुलिस को ठेकेदार का मोबाइल मिला है जिसमे सफेदपोश से लेकर नामी बदमाशों के नम्बर दर्ज है। पुलिस हाल के दिनों में नितेश के मोबाइल से हुई बात, व्हास्टअप से हुई चैटिंग के आधार पर अपनी जांच कर रही है। सूत्रों की माने तो नितेश के इतने अधिक दुश्मन थे कि किसी ने अपना बदला लिया है यह पता करना आसान नहीं है। अपराधियों ने जिस तरह से दिनदहाड़े ताबड़तोड़ गोली चला कर ठेकेदार की जान ली है उससे संभावना जतायी जा रही है कि वह पेशेवर शूटर होंगे। इस बात का दूसरा बड़ा प्रमाण है कि पहली बार में ही अपराधियों की गोली से नितेश उर्फ बबलू सिंह की मौत हो गयी थी इसके बाद भी शूटर वापस आये और फिर गोली मारी थी।
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पुलिस के निशाने पर ठेकेदार वह खास, जिसने की होगी बदमाशों को मुखबिरी
मुन्ना बजरंगी, बृजेश सिंह, मुख्तार अंसारी, बीकेडी आदि गैंग से संबंध रखने वाला नितेश अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत लापरवाह रहता था। नितेश ने गलत ढंग से दस्तावेज तैयार कर अपनी चार पहिया वाहन को बुलेटप्रूफ बनवाया था और लाइसेंसी पिस्टल के लिए आवेदन किया था। सारनाथ थाने को हिस्ट्रीशीटर होने के कारण उसे लाइसेंस नहीं मिल रहा था तो हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पिस्टल का लाइसेंस पाया था। नितेश के बाद सुरक्षा के नाम पर बुलेटप्रूफ वाहन व लाइसेंसी पिस्टल थी जबकि उसके खास इस बात के लिए दबाव डालते थे कि अपने साथ निजी सुरक्षाकर्मी भी लेकर चला करे। लेकिन नितेश ने कभी सुरक्षाकर्मी लेकर नहीं चला। पुलिस सूत्रों की माने तो नितेश के तहसील जाने की जानकारी शूटरों को थी इसलिए वह नितेश के पीछे तहसील पहुंचे होंगे। या फिर पहले से ही तहसील के पास इंतजार कर रहे थे और मौका पाकर हत्या को अंजाम देकर फरार होने में कामयाब हो गये। पुलिस अब नितेश के उस खास की तलाश में भी जुटी है जिससे यह पता चल सके कि घटना के पीछे कौन है और किसी कारण से नितेश की हत्या की गयी।
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मुन्ना बजरंगी, बृजेश सिंह, मुख्तार अंसारी, बीकेडी आदि गैंग से संबंध रखने वाला नितेश अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत लापरवाह रहता था। नितेश ने गलत ढंग से दस्तावेज तैयार कर अपनी चार पहिया वाहन को बुलेटप्रूफ बनवाया था और लाइसेंसी पिस्टल के लिए आवेदन किया था। सारनाथ थाने को हिस्ट्रीशीटर होने के कारण उसे लाइसेंस नहीं मिल रहा था तो हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पिस्टल का लाइसेंस पाया था। नितेश के बाद सुरक्षा के नाम पर बुलेटप्रूफ वाहन व लाइसेंसी पिस्टल थी जबकि उसके खास इस बात के लिए दबाव डालते थे कि अपने साथ निजी सुरक्षाकर्मी भी लेकर चला करे। लेकिन नितेश ने कभी सुरक्षाकर्मी लेकर नहीं चला। पुलिस सूत्रों की माने तो नितेश के तहसील जाने की जानकारी शूटरों को थी इसलिए वह नितेश के पीछे तहसील पहुंचे होंगे। या फिर पहले से ही तहसील के पास इंतजार कर रहे थे और मौका पाकर हत्या को अंजाम देकर फरार होने में कामयाब हो गये। पुलिस अब नितेश के उस खास की तलाश में भी जुटी है जिससे यह पता चल सके कि घटना के पीछे कौन है और किसी कारण से नितेश की हत्या की गयी।
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