सुविधा-सुरक्षा और प्रवेश-निकास पर बन रही रणनीति मंदिर के मुख्य अधिकारी डॉ सुनील वर्मा ने बताया कि महादेव के अतिप्रिय माह सावन में उनके धाम में आने वाले भक्तों की सुविधा-सुरक्षा और प्रवेश-निकास को लेकर रणनीति बनाई गई है। इस रणनीति के अनुरूप कार्य किया जा रहा यही। 4 जुलाई से शुरू हो रहे सावन के पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।
श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास का मार्ग तय मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का ख्याल रखते हुए हर वर्ष की तरह गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध व गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने जाने का मार्ग तय कर दिया गया है, जो भक्त जिस करेगा उसी से उसे निकास भी मिलेगा। साउंड सिस्टम से लैस सुविधा और सहायता केंद्र बनाए गए हैं।
धूप और बारिश से बचने के लिए की गई है व्यवस्था
डॉ सुनील वर्मा ने बताया कि भक्तों को कड़ी धूप और बारिश से बचाने के लिए पहले ही धाम में जर्मन हैंगर लगाया गया है। इसके अलावा पूरे धाम में जगह-जगह भक्तों के बैठने की व्यवस्थाएं और शीतल पेयजल का इंतजाम किया जा रहा है। पूर्व में जो व्यवस्थाएं हैं उन्हें भी दुरुस्त किया जा रहा है।
डॉ सुनील वर्मा ने बताया कि भक्तों को कड़ी धूप और बारिश से बचाने के लिए पहले ही धाम में जर्मन हैंगर लगाया गया है। इसके अलावा पूरे धाम में जगह-जगह भक्तों के बैठने की व्यवस्थाएं और शीतल पेयजल का इंतजाम किया जा रहा है। पूर्व में जो व्यवस्थाएं हैं उन्हें भी दुरुस्त किया जा रहा है।
आम दिनों में एक लाख श्रद्धालु कर रहे दर्शन उन्होंने बताया कि मंदिर के आंकड़ों के अनुसार जून में एक दिन में औसतन एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं। शनिवार और रविवार और सोमवार को यह संख्या डेढ़ लाख से पौने दो लाख तक पहुंच रही है। बारिश के बाद जब मौसम ठंडा होगा तो श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा।
सावन के सोमवार को रिकार्ड 6 लाख लोगों ने किया था दर्शन श्रीकाशी विशवनाथ धाम बनने के बाद महादेव के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या बढ़ी है। पिछले साल सावन के सोमवार को महादेव के भक्तों की संख्या 6 लाख के पार पहुंच गई थी सावन के सोमवार को, ऐसे में इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के अनुमान है।
वीवीआईपी करेंगे गंगा द्वार से प्रवेश सावन माह में वीवीआईपी मूवमेंट भी रहता है। पूरे देश से वीवीआईप महादेव के दर्शन को आते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाने के लिए गंगा द्वार से वीवीआईपी लोगों को दर्शन करवाया जाएगा। इसके लिए अस्सी और राजघाट से रुट मैप बनाया जा रहा है।