नारियल व चुनरी के प्रसाद से खुश हो जाती है मां संकटा
मां संकटा को नारियल व चुनरी का प्रसाद चढ़ाया जाता है जिससे मां खुश हो जाती है। यहां पर चढ़ाये हुए नारियल का स्वाद भी बेहद अलग होता है। प्रसाद ग्रहण करते ही समझ मैं आ जाता है कि किसी सिद्धपीठ का दर्शन किया है।
मां संकटा को नारियल व चुनरी का प्रसाद चढ़ाया जाता है जिससे मां खुश हो जाती है। यहां पर चढ़ाये हुए नारियल का स्वाद भी बेहद अलग होता है। प्रसाद ग्रहण करते ही समझ मैं आ जाता है कि किसी सिद्धपीठ का दर्शन किया है।
भक्तों ही नहीं देवाताओं का भी संकट दूर करती है मां
मंा संकटा के मंदिर में इतनी ऊर्जा है कि वह देवताओं के साथ भक्तों का भी संकट दूर करती है इसलिए पार्वती की रुप माने जाने वाली माता को मां संकटा कहा जाता है। शुक्रवार को यहां पर दर्शन करने के लिए दूर-दराज से भक्त आते हैं और जीवन में आने वाला संकट दूर हो जाता है।
मंा संकटा के मंदिर में इतनी ऊर्जा है कि वह देवताओं के साथ भक्तों का भी संकट दूर करती है इसलिए पार्वती की रुप माने जाने वाली माता को मां संकटा कहा जाता है। शुक्रवार को यहां पर दर्शन करने के लिए दूर-दराज से भक्त आते हैं और जीवन में आने वाला संकट दूर हो जाता है।