सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अन्य विश्वविद्यालय से बेहद अलग है। परिसर की स्थापना संस्कृत व प्राच्य विद्या के प्रसार, संरक्षण व प्रचार के लिए की गयी है। मठों में रह कर अध्ययन करने वाले भी परिसर में टॉप करते हैं। इस बार सबसे अधिक 10 गोल्ड मेडल वेदांत के विद्यार्थी स्वामी अद्भत वल्लभ दास को दिया जायेगा। इसके बाद पांच स्वर्ण पदक नव्य व्याकरण के हरिओम शर्मा, राहुल पांडेय को चार स्वर्ण पदक, धर्मशास्त्र के हरेन अस्वार को तीन स्वर्ण पदक मिलेगा। स्वर्ण पदक की सूची में छह छात्राओं को नाम भी शामिल है।
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चार दिसम्बर को होगा दीक्षांत समारोह का पूर्वाभ्यास
परिसर में कई वर्षो से मैदान में पंडाल लगा कर दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार ऐतिहासिक मुख्य भवन में समारोह मनाया जा रहा है। अखिलेश यादव की सरकार में मिले अनुदान की वजह से मुख्य भवन को जीर्णाद्वार लगभग पूरा हो चुका है इसलिए यहां पर आयोजन करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन के पैसों की बचत होने के साथ सभी को मुख्य भवन को देखने व उसका इतिहास जानने का मौका मिलेगा। चार दिसम्बर को दोपहर 12 बजे समारोह का रिहर्सल कर तैयारी को अंतिम रुप दिया जायेगा।
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