वाराणसी. रोडवेज बस स्टैंड के सामने डग्गामार वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाना अधिकारियों पर भारी पड़ गया। डग्गामार वाहन चालकों ने सरकारी बस चालकी पिटाई कर दी। बीच-बचाव करने गये एआरएम पर भी हमला बोला। इसके बाद नाराज रोडवेज कर्मचारियों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझा कर जाम खुलवाया। हमले करने वालों पर कार्रवाई के लिए सिगरा थाने में तहरीर दी जा रही है। यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने सुलझाया मसला
IMAGE CREDIT: Patrika IMAGE CREDIT: Patrika रोडवेज बस स्टैंड के एक किलोमीटर दायरे में अन्य वाहनों का सवारी ढोना प्रतिबंधित है इसके बाद भी डग्गामार वाहन चालक रोडवेज के सामने से सवारी बैठाते थे। गुरुवार को डिप्टी टा्रंसपोर्ट कमिश्रर, एआरएम कैंट व एआरएम काशी डिपो के साथ एआरटीओ प्रवर्तन भी डग्गामार वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चला रहे थे। टीम के पास पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद नहीं था इसके चलते अभियान में रोडवेज कर्मचारियों को सहयोग लिया गया। जांच टीम को देखते ही डग्गामार वाहन चालक तेजी से भागने लगे। रोडवेज कर्मचारियों ने इन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह भिड़ गये। डग्गामार वाहन चालकों ने राड तक निकाल ली। एक सरकारी बस चालक की पिटाई भी कर दी। बीच-बचाव करने गये एआरएम पर भी हमला बोल दिया। इसके बाद नाराज कर्मचारियों ने रोडवेज के सामने सड़क जाम कर दिया। कर्मचारियों का आरोप था कि रोडवेज पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी व यातायात विभाग की मिलीभगत से ही डग्गामार वाहन नियमों का उल्लंघन करते हैं। बिना नम्बर लिखी बस, वाहन चालकों के पास लाइसेंस तक नहीं होता है और शराब पीकर वाहन चलाने वाले डग्गामार बस चालकों पर कार्रवाई नहीं होती है। कर्मचारियों का आरोप है कि एआरएम व अन्य अधिकारियों पर डग्गामार चालकों ने बस चढ़ाने का भी प्रयास किया था। कर्मचारियों ने कहा कि हाईकोर्ट ने भी रोडवेज के एक किलोमीटर दूर से प्राइवेट बस चालकों को सवारी बैठाने का आदेश दिया है। इसके बाद भी डग्गामार बस चालक रोडवेज के अंदर आकर सवारी बैठाते हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ के राज में डग्गामार बस चालक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं जिनके खिलाफ सख्त से सख्र्त कार्रवाई होनी चाहिए। मौके पर पहुंची सीओ चेतगंज अंकिता ङ्क्षसह ने कहा कि कुछ सिपाहियों के खिलाफ शिकायत मिली है जिनकी गोपनीय ढंग से जांच करायी जायेगी। जो भी पुलिसकर्मी दोषी मिलता है उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। मैं विश्वास दिलाती हूं कि भविष्य में ऐसी घटना फिर नहीं होगी। यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की रक्षा करेंगे 66 लाख प्रहरी
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