शाम को नई आरती होने की जानकारी मिलते ही गंगा सेवा निधि के लोग लामबंद होकर विरोध करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों को बुधवार को जिलाधिकारी के यहां अपना पक्ष रखने की बात कहकर गंगा आरती का उद्घाटन कर दिया। इसके चलते पहली बार अस्सी घाट पर तीन-तीन गंगा आरती संपन्न हुई। गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष बलराम मिश्र ने कहा कि जब पहले से ही पुराने और नए अस्सी घाट पर दो आरती हो रही है तो ऐसे में तीसरी आरती करने की क्या जरूरत है। हम लोग लंबे समय से यहां आरती करते आ रहे हैं। सुबह-ए-बनारस की ओर से गंगा जी की आरती सुबह में की जाती है।
दूसरे घाट पर कराएं आरती बलराम मिश्र ने कहा कि वाराणसी में 84 घाट हैं। इनमें से कई घाट पर आरती नहीं होती है। ऐसे में अगर उन्हें आरती करनी है तो वे किसी अन्य घाट पर आरती करें। अस्सी घाट पर वर्षों से आरती होती आ रही है। उधर, विरोध के लगातार बढ़ने के चलते जिलाधिकारी कौशल किशोर शर्मा ने गंगा आरती के लिए नए नियम लागू करते हुए नगर निगम को निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी घाटों का स्वामित्व नगर निगम के पास है। अभी जितनी भी आरती घाट पर हो रही है, अब सबका नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। घाट पर स्थान भी नगर निगम ही आवंटित करेगा। इसके साथ ही आरती के रजिस्ट्रेशन का हर साल नवीनीकरण होगा।