डमरू की गड़गड़ाहट और जय जगन्नाथ के उद्घोष से गूंज उठा पूरा मंदिर परिसर भगवान की डोली यात्रा के लिए भक्तों की भीड़ दोपहर से ही अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर में उमड़ गई थी। डमरू की गड़गड़ाहट और जय जगन्नाथ के उद्घोष से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। बैंड-बाजे के साथ मंदिर के गर्भगृह की परिक्रमा कर डोली यात्रा निकाली गई। ढोल-तासा, बैंड-बाजा और शहनाई की धुन के बीच श्रद्धालुओं के जयकारे से वातावरण भक्तिमय हो उठा। जग के पालनहार पालकी पर सवार होकर निकले तो ऐसा प्रतीत हुआ मानों समूची काशी ही अपने देव के दर्शन-पूजन के लिए उमड़ पड़ी हो।
ये भी पढें- स्वस्थ हुए भगवान जगन्नाथ, आज निकलेगी डोली यात्रा, कल से शुरू होगा मेला, जानें काशी और पुरी का 331 साल का कनेक्शन भगवान जगन्नाथ की नयनाभिराम छवि को हृदय में बसाने को भक्तों में होड़
भैया बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ श्वेत परिधान धारण किए भगवान जगन्नाथ की नयनाभिराम छवि को हृदय में बसाने की भक्तों में होड़ मच गई। भगवान जगन्नाथ के नगर भ्रमण के दौरान रास्ते भर भक्त पुष्प वर्षा करते रहे। जयकारे लगाते रहे। प्रभु जगन्नाथ की इस डोली यात्रा में बैंड-बाजा का भी इंतजाम रहा जो भक्ति संगीत की धुन सुनाते रहे।
डोली उठाने को लगी होड़ जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ की डोली उठाने को भक्तों में होड़ सी मची रही। प्रभु की ये डोली यात्रा मंदिर परिसर से निकलकर अस्सी चौराहा, पद्मश्री चौराहा, दुर्गाकुंड होते हुए नवाबगंज, खोजवां बाजार, शंकुलधारा पोखरा, बैजनत्था होते हुए रथयात्रा स्थित बेनीराम के बगीचे में पहुंची। वहां जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी शापुरी परिवार के लोगों ने परंपरागत ढंग से भगवान की आरती उतारी।
मध्य रात्रि में रथ पर विराजमान होंगे प्रभु कल से मेला शुरू अब मध्य रात्रि में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की काष्ट प्रतिमाओं को रथयात्रा चौराहे पर पहले से विराजमान सुसज्जिद रथ पर विराजमान किया जाएगा। शुक्रवार की सुबह मंगला और भोग आरती के बाद प्रभु के दर्शन सुलभ हो जाएंगे।
मेला क्षेत्र में सज गईं नानखटाई की दुकानें
मेला क्षेत्र में नानखखटाई की दुकानें सज चुकी हैं। गृहस्थी के सामानों की दुकानें भी लगाई गई हैं। साथ ही बच्चो के मनोरंजन के लिए झूला, तमाशा का भी इंतजाम किया गया है।
मेला क्षेत्र में नानखखटाई की दुकानें सज चुकी हैं। गृहस्थी के सामानों की दुकानें भी लगाई गई हैं। साथ ही बच्चो के मनोरंजन के लिए झूला, तमाशा का भी इंतजाम किया गया है।