विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि सर सुंदरलाल चिकित्सालय हो या ट्रामा सेंटर, सभी विभागों में आपरेशन दर का निर्धारण होने से परोक्ष या अपरोक्ष रूप से मरीजों से मनमाना शुल्क वसूलने वालों पर लगाम कसी जा सकेगी जिससे मरीजों को सस्ते व उचित दर पर आपरेशन की सुविधा मिल पाएगी। ये व्यस्था ठीक वैसी ही होगी जैसे एम्स, पीजीआइ सहित देश-प्रदेश के अन्य सरकारी संस्थानों में पहले से लागू है।
ऑपरेशन पैकेज व्यवस्था लागू होने जाने पर सभी तरह के आपरेशन के लिए संबंधित विभाग की ओटी के पास दर चस्पा की जाएगी। इस सूची में यह भी दर्शाना पड़ेगा कि किस ऑपरेशन पर कुल कितना खर्च आएगा। इसमें दवा उपकरण व अन्य खर्च का भी विवरण भी शामिल होगा। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों के समक्ष किसी तरह की दुविधा नहीं रहेगी, वो रेट लिस्ट देख कर अपनी तैयारी कर सकेंगे।
बता दें कि इस तरह की व्यवस्था पूर्व में भी लागू करने की कोशिश अस्पताल प्रशासन कर चुका है लेकिन तब बीएचयू और अस्पताल से जुड़े लोगों ने ही उस व्यवस्था को चलने नहीं दिया। यहां ये भी बता दें कि बीएचयू अस्पताल में ही कुछ लोग ऐसे हैं जो इस तरह के इंतजाम से नाखुश होते हैं। वजह साफ है कि वो लोग कुछ बाहरी दुकानदारों संग मिल कर मरीजों और उनके परिजनों के शोषण में लगे रहते हैं।
लेकिन इस बार नवोदित कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि छात्रों व मरीजों के हित में निर्णय लिए जाएंगे। इसमें किसी भी प्रकार का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि एम्स का दर्जा प्राप्त बीएचयू के सर सुदरलाल चिकित्सालय में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के भी लाखों मरीज इलाज के लिए आते हैं। ये नई व्यवस्था लागू होने से उन सभी को बड़ी राहत मिल पाएगी।
“बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रामा सेंटर में ऑपरेशन पैकेज सिस्टम लागू करने की योजना है, ताकि मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो। इससे पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही मरीजों पर आर्थिक भार नहीं पड़ेगा।”– प्रो. सुधीर कुमार जैन, कुलपति, बीएचयू