बनारस की गंगा आरती हो या फिर रामनगर मे प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक। इन जगहों पर जब रामजन्म जी का शंख बजता है तो माहौल ही बदल जाता है। पत्रिका से बातचीत में रामजन्म योगी ने बताया कि बचपन से ही एक सपना देखा है कि दुनिया में नहीं रहने पर भी नाम हो। बस इसी सोच को लेकर शंख के साथ अभ्यास किया और आज दुनिया में अलग पहचान बन गयी। उन्होंने कहा कि प्रभु के आशीर्वाद से ही वह इतनी देर शंख बजा पाते हैं कोई इसे योग कहता है तो कोई चमत्कार मानता है। उन्होंने बताया कि अथक प्रयास से ही इस काम में महारत हासिल की जा सकती है। शंख की आवाज में परिवर्तन किये बिना ही सांस लेने व सांस छोडऩे की क्रिया करनी पड़ती है। बचपन में जब अभ्यास करता था तो कई बार निराशा हाथ लगी थी लेकिन एक दिन भगवान के सामने प्रार्थना करते हुए कहा कि मुझे लगातार शंख बजाने का आशीर्वाद दे। प्रभु ने मेरी सुनी और फिर इस मुकाम पर पहुंचा है। रामजन्म योगी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, पीएम नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक से लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, वसुन्धरा राजे सिंधिया से लेकर तमाम ऐसे बड़े नेता है जिन्होंने मुझे लगातार शंख बजाते देख कर मेरा हौसला बढ़ाया था। उन्होंने कहा कि अब मेरा भतीजा कुलदीप कुमार इस विरासत को आगे बढ़ाने का अभ्यास कर रहा है जो एक दिन इस विद्या में निणुण हो जायेगा। रामजन्म त्यागी ने कहा कि कोई भी शंख हो वह बिना रुके लंबे समय तक बजा सकते हैं। गिनीज वल्र्ड रिकॉड्स वाले भी शंख बजाने की रिकॉर्डिंग करके ले गये हैं और कहा कि आपके तरह कोई प्रतिस्पर्धी मिलेगा तो उसे तुलना की जायेगी।
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