आजमगढ़ के पूर्व सांसद रमाकांत यादव का मामला फंसता जा रहा है। यह बात लगभग स्पष्ट हो चुकी है कि बाहुबली नेता को सपा ज्वाइन कराया जा रहा है। अखिलेश यादव से लेकर सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी है इसके बाद भी पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने सपा ज्वाइन नहीं किया है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर क्या कारण है कि सब कुछ सही होने के बाद भी रमाकांत यादव सपा में नहीं गये हैं। बीजेपी की नीतियों को लेकर पहले ही रमाकांत यादव ने नाराजगी जता कर भगवा दल को नाराज किया हुआ है और सपा में जाने की घोषणा भी नहीं कर रहे हैं। सपा ज्वाइन करने में लोकसभा चुनाव 2019 का टिकट फंस गया है। आजमगढ़ के सांसद सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव है और मुलायम सिंह ने अब आजमगढ़ से चुनाव नहीं लडऩे का निर्णय किया है। आजमगढ़ की सीट खाली हो रही है इसके बाद भी रमाकांत यादव को टिकट नहीं मिल रहा है। सूत्रों की माने तो रमाकांत यादव आजमगढ़ से चुनाव नहीं लडऩा चाहते हैं। रमाकांत यादव की इच्छा जौनपुर से चुनाव लडऩे की है जबकि अभी तक सपा से ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिला है जिससे यह तय हो सके कि रमाकांत यादव को ही जौनपुर से टिकट मिलेगा। रमाकांत के बाहुबली भाई उमाकांत यादव पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती की पार्टी ज्वाइन कर चुके हैं। माना जा रहा है कि उमाकांत यादव को मछलीशहर संसदीय सीट से बसपा को टिकट मिलना तय हैं इसलिए ही बाहुबली उमाकांत यादव ने बसपा ज्वाइन किया है। उमाकांत के भाई रमाकांत यादव का मामला जौनपुर संसदीय सीट के टिकट पर फंस गया है यदि सपा से इस सीट पर टिकट मिलने ही रही झंडी मिल जाती है तो ईद के बाद हजारों समर्थकों के साथ रमाकांत यादव सपा ज्वान कर लेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो सपा ज्वाइन करने का मामला फंस भी सकता है।
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बाहुबली रमाकांत यादव अभी बीजेपी में है और सपा में जाने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी बाहुबली नेता पर खास ध्यान दे रही है। सूत्रों की माने तो सपा जाने की तैयारी का पहले ही खुलासा हो चुका है इसलिए बीजेपी से रमाकांत यादव का टिकट कट सकता है। रमाकांत यादव के बेटे अरूण यादव बीजेपी से ही विधायक है। यदि रमाकांत यादव का सपा व बीजेपी दोनों ही टिकट कटता है तो बाहुबली नेता को बड़ा झटका लगना तय है। फिलहाल जून के द्वितीय पखवाड़े में यह स्पष्ट हो जायेगा कि रमाकांत यादव किस दल व सीट से चुनाव लडऩे वाले हैं।
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