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रमाकांत यादव ने लोकसभा चुनाव 2014 में मुलायम सिंह यादव को दी थी कड़ी टक्कर
बाहुबली रमाकांत यादव ने वर्ष 2014 में सपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को कड़ी टक्कर दी थी। आजमगढ़ में बाहुबली रमाकांत यादव का अपना प्रभाव है। लोकसभा चुनाव में रमाकांत यादव को हराने में मुलायम सिंह यादव को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी और प्रदेश के सबसे कद्दावर यादव नेता होने के बाद भी मुलायम सिंह यादव को 63,204 वोटो से जीत मिली थी। माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी एक बार फिर रमाकांत यादव को प्रत्याशी बना सकती है लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के विरोध के चलते बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। रमाकांत यादव अब राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं। फिलहाल रमाकांत यादव व कांग्रेस ने अभी तक पार्टी ज्वाइन करने व टिकट देने को लेकर अधिकारिक रुप से कुछ नहीं कहा है। रमाकांत यादव का राजनीतिक करियर 1985 से शुर हुआ था। पहली बार निर्दलीय ही विधायक बनने के बाद बीजेपी का दामन थाम कर फिर विधानसभा पहुंचे थे। बाद में बीजेपी छोड़ कर सपा में शामिल हो गये थे। इसके बाद सपा के ही टिकट पर संसद तक पहुंचे थे। सपा से मनमुटाव होने पर रमाकांत यादव ने बीजेपी का दामन थामा था। लोकसभा चुनाव से पहले रमाकांत यादव के सपा में भी जाने की अटकले लगती थी।
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बाहुबली रमाकांत यादव ने वर्ष 2014 में सपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को कड़ी टक्कर दी थी। आजमगढ़ में बाहुबली रमाकांत यादव का अपना प्रभाव है। लोकसभा चुनाव में रमाकांत यादव को हराने में मुलायम सिंह यादव को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी और प्रदेश के सबसे कद्दावर यादव नेता होने के बाद भी मुलायम सिंह यादव को 63,204 वोटो से जीत मिली थी। माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी एक बार फिर रमाकांत यादव को प्रत्याशी बना सकती है लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के विरोध के चलते बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। रमाकांत यादव अब राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं। फिलहाल रमाकांत यादव व कांग्रेस ने अभी तक पार्टी ज्वाइन करने व टिकट देने को लेकर अधिकारिक रुप से कुछ नहीं कहा है। रमाकांत यादव का राजनीतिक करियर 1985 से शुर हुआ था। पहली बार निर्दलीय ही विधायक बनने के बाद बीजेपी का दामन थाम कर फिर विधानसभा पहुंचे थे। बाद में बीजेपी छोड़ कर सपा में शामिल हो गये थे। इसके बाद सपा के ही टिकट पर संसद तक पहुंचे थे। सपा से मनमुटाव होने पर रमाकांत यादव ने बीजेपी का दामन थामा था। लोकसभा चुनाव से पहले रमाकांत यादव के सपा में भी जाने की अटकले लगती थी।
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