वाराणसी

ग्रहों ने बदली चाल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर ज्योतिषाचार्य की बड़ी भविष्यवाणी, मचेगा हड़कंप

सुप्रीम कोर्ट से मंदिर निर्माण पर आना है निर्णय, बीजेपी पर अध्यादेश लाने का है दबाव

वाराणसीOct 30, 2018 / 07:06 pm

Devesh Singh

Ayodhya Ram temple

वाराणसी. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय नहीं दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए राम मंदिर को लेकर सियासत भी गरम हो चुकी है। पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार पर राम मंदिर निर्माण को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय देगा वह सर्वमान्य होगा। ज्योतिषों ने भी प्रभु श्रीराम की जन्म कुंडली को देख कर अपनी भविष्यवाणी करना शुरू कर दिया है। ज्योतिष की भविष्यवाणी कुंडली की गणना के आधार पर है इससे सवोच्च न्यायालय द्वारा मंदिर मुद्दे पर दिये जाने वाले निर्णय से कोई वास्ता नहीं है।
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प्रख्यात ज्योतिषाचार्य एंव काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पं.ऋषि द्विवेदी ने प्रभु श्रीराम की जन्म कुंडली का गहराई से अध्ययन करने के बाद बताया कि ग्रहो की चाल बदल रही है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की कुंडली का अध्ययन किया गया। वाल्मिकी रामायण के आधार पर प्रभु श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी के दिन पुर्नवसू नक्षत्र के समय कर्क लग्न में हुआ था इस समय पांच ग्रह अपने-अपने उच्च राशि में स्थित थे। बृहस्पति चंद्रमा के साथ थे। उसी समय मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का अवतार हुआ था इसी पर आधारित कुंडली को देखा जाये तो प्रभु श्रीराम का जन्म कर्क लग्न व कर्क राशि में हुआ था। भगवान श्री राम के गोचर कुंडली का अध्ययन किया जाये जो कुंडली में गृह सुखादि का भाव चतुर्थ भाव माना जाता है। कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी शुक्र है। वर्तमान गोचर में देखा जाये तो अभी शुक्र का संचरण कन्या राशि पर वक्र गति से हैं। जो आगामी 24 नवम्बर को शुक्र अपने गृह तुला राशि पर आ जायेंगे। जो 2 जनवरी तक तुला में ही रहेंगे। वही भूमि-भवन के कारण व कर्क लग्न के लिए योगकारी मंगल का भी संचरण इसी बीच 20 दिसंबर को कुंभ राशि से मीन राशि में संचरण होगा। भूमि पुत्र मंगल की भी अष्टम दृष्टि गृह भाव पर पड़ेगी। जहां पर गृहेश शुक्र पहले से ही विराजमान होंगे। वही बृहस्पति का संचरण वृश्चिक राशि पर 11 अक्टूबर को हो चुका है। जो गृह भाव से द्वितीय भाव में है। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों को योग को देखा जाये तो भाव भावेश कारका के अनुसार यह त्रिकोणीय ग्रहों का योग राम मंदिर बनाने में सहयोग करेंगे। जिसका प्रमुख समय 20 दिसंबर से 3 फरवरी 2019 तक रहेगा। हालांकि राम मंदिर का मुद्दा शुक्र में तुला के प्रवेश अर्थात 24 नवम्बर से ही महौल बनने लगेगा।
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P. Rishi Dwivedi
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ज्योतिषाचार्य की गणना के अनुसार ग्रहों की स्थिति की बात की जाये तो अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर बनने के लिए सकारात्मक पहल हो सकती है। नये साल से सुप्रीम कोर्ट भी इस मुद्दे पर सुनवाई कर सकता है। चुनावी साल के चलते बीजेपी भी इस मुद्दे को अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहती है। सारी स्थितियों को देखा जाये तो प्रबल संभावना है कि नये साल में अध्योध्या में राम मंदिर को लेकर बड़ा निर्णय हो जाये।
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