वाराणसी

इन पांच कारणों से राजा भैया पर भारी पड़ी रत्ना सिंह, योगी ने कराया बीजेपी ज्वाइन

रत्ना सिंह को चुनाव में विजय दिलाने के लिए खुद प्रियंका गांधी ने किया था प्रचार, जानिए क्यों बदला समीकरण

वाराणसीOct 15, 2019 / 02:55 pm

Devesh Singh

Ratna Singh and Raja Bhaiya

वाराणसी. यूपी की सियासत में मंगलवार को बड़ा उलटफेर हो चुका है। कांग्रेस की दिग्गज नेता रही राजकुमारी रत्ना सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने बीजेपी की सदस्यता ज्वाइन कर ली। सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी बाहुबली राजा भैया के रहते हुए उनकी प्रतिद्वंदी राजकुमारी रत्ना सिंह को बीजेपी ज्वाइन कराया है जिसके बाद से वहां की सियासत बदल गयी है।
यह भी पढ़े:-बुलेट के नम्बर प्लेट पर लिखवाया था कि आई त लिखाई, दरोगा ने पकड़ी गाड़ी और कहा………

राजकुमारी रत्ना सिंह को प्रतापगढ़ संसदीय सीट से 1996 में पहली बार टिकट मिला था और चुनाव जीत कर संसद पहुंची थी उसके बाद 1999 व वर्ष 2004में भी चुनाव जीता था। वर्ष 2014 व 2019 में रत्ना सिंह को करारी शिकस्त मिली थी इसके बाद भी बीजेपी ने राजा भैया को तव्वजो नहीं देते हुए राजकुमारी को पार्टी ज्वाइन कराया है। इससे राजा भैया बीजेपी से नाराज भी हो सकते हैं। ऐसे में उन पांच कारणों का जिक्र करना जरूरी है जिसके चलते राजा भैया पर राजकुमारी रत्ना सिंह भारी पड़ गयी।
यह भी पढ़े:-प्रतापगढ़ में उपचुनाव से पहले बीजेपी को मिलने जा रही सबसे बड़ी कामयाबी
1-बाहुबली छवि का नहीं होना
राजा भैया की छवि क्षत्रिय बाहुबली नेता की है जबकि राजकुमारी रत्ना सिंह की छवि एक सामान्य महिला के रुप में है। दोनों ही नेता राजघराने से जुड़े हैं जिनकी जनता में अपनी-अपनी छवि है।

2-प्रतापगढ़ में बीजेपी के पास दिग्गज नेता नहीं होना

प्रतापगढ़ में बीजेपी के पास कोई ऐसा दिग्गज नेता नहीं है, जो क्षेत्र में पार्टी को बड़ी पहचान दे सके। प्रतापगढ़ के क्षेत्र में अखिलेश यादव, मायावती व राजा भैया के बाद रत्ना सिंह की बड़ी पहचान है जिनका बीजेपी से जुडऩा पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है।
3-क्षत्रिय समाज में पार्टी की पैठ मजबूत करना
बीजेपी ने जब से सीएम योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया है तब से क्षत्रिय समाज तेजी से बीजेपी से जुड़ता जा रहा है। राजकुमारी रत्ना सिंह का बीजेपी में जाना इसी कड़ी के रुप में देखा जा रहा है। बीजेपी को जरूरत पर राजा भैया का साथ मिल सकता है और राजकुमारी रत्ना सिंह के आने से क्षत्रिय समाज को संदेश भी चला गया है।

4-पूर्वांचल से कांग्रेस को कमजोर करना

राहुल गांधी व प्रियंका गांधी लगातार कांग्रेस को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। प्रियंका गांधी तो लगातार यूपी में डेरा डाली हुई है। बीजेपी यह बात जानती है कि यदि अभी कांग्रेस को और कमजोर नहीं किया गया तो वर्ष 2022 में चुनौती मिल सकती है इसलिए बीजेपी के निशाने पर वह बड़े कांग्रेस नेता है जो पार्टी से असंतुष्ट है और उन्हें बीजेपी में लाकर कांग्रेस को कमजोर किया जा सकता है। राजा भैया की अपनी पार्टी है इसलिए बीजेपी ने राजकुमारी रत्ना सिंह पर दांव खेला है।

5-आधी आबादी में ताकत बढ़ाने की कवायद

पीएम नरेन्द्र मोदी को संसदीय चुनाव 2019 मे प्रचंड बहुमत मिला है जिसमे आधी आबादी ने सबसे अधिक साथ दिया था। बीजेपी यह बात जानती है इसलिए वह आधी आबादी पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए दमदार महिला नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है। इस समीकरण में भी रत्ना सिंह फिट बैठती है।
यह भी पढ़े:-राजकुमारी रत्ना सिंह के बीजेपी में शामिल होते ही राजा भैया को लगेगा सबसे तगड़ा झटका, उठेगा सियासी तूफान

Hindi News / Varanasi / इन पांच कारणों से राजा भैया पर भारी पड़ी रत्ना सिंह, योगी ने कराया बीजेपी ज्वाइन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.