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राजा भैया की मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव से नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। शिवपाल यादव के नयी पार्टी बनाने के बाद से राजा भैया के पास शिवपाल यादव के साथ जाने का विकल्प बचा हुआ है। राजा भैया व शिवपाल यादव के बीच गठबंधन हो जाता है तो दोनों ही दलों को इसका लाभ मिलेगा।
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राजा भैया के लिए कांग्रेस भी विकल्प बन सकती है। पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका गांधी को मिल चुकी है। यूपी में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब है। पार्टी की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए सपा व बसपा गठबंधन ने दो सीट दी थी। कांग्रेस व राजा भैया के बीच गठबंधन से इंकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस को यूपी में एक कद्दावर नेता की जरूरत है जो कांग्रेस के लिए वोट दिला सके। जबकि राजा भैया को ऐसे दल की जरूरत है जिसका खुद का अपना कैडर वोट हो।
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मायावती व राजा भैया की राजनीतिक अदावत किसी से छिपी नहीं है। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर मायावती ने अपना प्रत्याशी उतराने की तैयारी की है। राजा भैया व मायावती में गठबंधन होने की संभावना नहीं है। राजा भैया के सीएम योगी आदित्यनाथ से अच्छे संबंध है फिर भी बीजेपी के साथ राजा भैया का जाना कठिन है यदि राजा भैया व बीजेपी में गठबंधन हो भी जाता है तो अधिक सीट नहीं मिलने वाली है। यूपी में पहले ही बीजेपी का अनुप्रिया पटेल व ओमप्रकाश राजभर से गठबंधन है इसलिए राजा भैया व बीजेपी का गठबंधन होना कठिन है।
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