दरअसल वे लोग जिस फरिश्ते की बात कर रहे थे वो और कोई नहीं बल्कि जनमित्र न्यास, मानव जन निगरानी समिति और सावित्री बा फूले नामक सामाजिक संस्था है जो ऐसे लोगों की मदद को हमेशा तत्पर रहती है। इन्हीं संस्थाओं ने इन सब संघर्षशील लोगों को सम्मानित भी किया। साथ ही इस सम्मान समारोह में ही सोशल ऑडिट के माध्यम से संस्था ने अपना लेखा जोखा भी सार्वजनिक किया।
बता दें कि संस्था यू एन ट्रस्ट के सहयोग से मानवाधिकार हनन के मुद्दों की पैरवी व यातना पीडितो का स्व व्यथा कथा के माध्यम से उनके मानसिक सम्बल प्रदान कर उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से लोगो के बीच उनका सम्मानित कर उन्हें गरिमामय जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। इसमें घरेलू महिला हिंसा, पुलिस यातना, दंगे से पीड़ित, दबंगों द्वारा प्रताड़ित पीडितो के पक्ष में पैरवी कर उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है।
समारोह की शुरूआत में संस्था की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने संस्था में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। बताया कि संस्था क्राई के सहयोग से वाराणसी जिले के 4 ब्लाक के 48 गांव और शहरी क्षेत्र के 2 स्लम में 2600 परिवार के 6120 बच्चो के स्वास्थ्य व पोषण के साथ साथ किशोरियों व गर्भवती महिलाओ के साथ उनके स्वास्थ्य, पोषण पर कार्य कर रही है। साथ ही उनके मौलिक अधिकारों को दिलाने के लिए शासन-प्रशासन से पैरवी भी कर रही है।| इसके साथ ही किचेन गार्डेन माडल के तहत 452 मुसहर परिवारों को सब्जियों के बीज देकर उन्हें सब्जी उगाने की कला विकसित करते हुए उनके पोषण को सुनिश्चित करने के साथ ही साथ आय का जरिया बनाने की भी प्रक्रिया चलाई जा रही है ताकि वो आत्मनिर्भर होने के साथ ही साथ पोषणयुक्त भोजन भी प्राप्त कर सकें।
उन्होंने बताया कि संस्था टाटा ट्रस्ट्स के सहयोग से वाराणसी के बजरडीहा और लोहता क्षेत्र के 20 मदरसों में 5300 बच्चो को गुणवत्तापूर्ण तालीम मुहैया कराने के लिए मदरसों में परंपरागत शैक्षणिक प्रक्रिया से अलग, बच्चो को तकनीकी शिक्षा दी जा रही है। साथ ही राजदुलारी फाउंडेशन की पारुल शर्मा के सहयोग से वंचित समुदाय की बच्चियों की पढाई जारी रखने के लिए वर्तमान सत्र में 100 बच्चियों को छात्रवृति प्रदान की जा रही है। इसके अलावा बघवानाला स्लम बस्ती में पारुल शर्मा की मदद से 167150 रुपये से समर सबल बोरिंग करवाकर बस्ती में पानी की व्यवस्था की गई है। इससे 100 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।
संस्था के संयोजक डॉ लेनिन रघुवंशी ने यातना पीडितो के “सम्मान समारोह” के दौरान बताया कि आज समाज में जिसके साथ भी अन्याय होता है वह एकदम हाशिये पर चला जाता है और उसे अपने घर, परिवार और समाज का भी समर्थन न मिलकर उसे दबाने का प्रयास किया जाता है। वो भी जब उत्पीड़क पुलिस या राज्य हो। ऐसे में हम ऐसे बहादुर पीडितो का सम्मान कर यह संदेश समाज में देना चाहते है कि लड़ाई अगर संवैधानिक तरीके से लगातार लड़ी जाय तो न्याय अवश्य मिलता है। इसका उदाहरण यहां इस कार्यक्रम में उपस्थित ये पीड़ित है, जिन्होंने अनेक चुनौतियों के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार कानूनी प्रक्रिया के तहत संघर्ष कर अपने आप में एक उदहारण प्रस्तुत किया है।
सम्मानित होने के उपरांत वाराणसी और सोनभद्र से आये पीड़ित चिंतामणि सेठ, गोपाल सोनकर, गोपाल यादव, हौशिला प्रसाद, केवला देवी, किरन मिश्रा, मकबूल, मनोरमा देवी, प्रेमनाथ सोनकर, राजेश्वरी देवी, सेचईराम यादव, शिवम मिश्रा, सिताबी देवी, संतरा देवी, बिंदु पटेल, प्रीति देवी, अब्दुल मन्नान, कमरजहाँ, रितेश यादव, मीना, कमालुद्दीन, पूनम, गुलपत्ती, पियरी, रामबली, ज्ञान प्रकाश, लल्लू, फूलमती, गुलाब, बुधनी, संत कुमार, कविता, सहोदरी, गुलपतिया, शिव कुमार, ददनी, सुकुवारी ने अपने ऊपर हुए अन्याय को लोगो के समक्ष साझा करते हुए बताया कि इस पीड़ा से निकालने के लिए हमें पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर कितना संघर्ष करना पड़ा। लेकिन न्याय मिलने के बाद एक आत्म संतुष्टि और आत्म विश्वाश जो हमें प्राप्त हुआ उसने पिछले किये गए संघर्षो को एक सुखद क्षण में परिवर्तित कर दिया। इस समारोह में जो सम्मान प्राप्त हुआ है वो हमारे इरादों को और मजबूती प्रदान करेगा जिससे आगे हमें संघर्ष करने की हिम्मत देता रहेगा। हम अन्य पीडितो के संघर्षो की लड़ाई में अपना सहयोग देते रहेंगे। इस मौके पर सिद्दीक हसन (सदस्य सचिव), गवर्निंग बोर्ड सदस्य रागिब अली, डॉ इफ़्तेख़ार अहमद, इदरीश अंसारी उपस्थित रहे। संस्था ने इस मौके पर अपना आय-व्यय का ब्योरा भी प्रस्तुत किया।