सारनाथ थाना क्षेत्र के लोहिया नगर निवासी नितेश सिंह के कई गैंग से संबंध थे। अपराधियों को संरक्षण देने के साथ उनकी मदद करना भी बस संचालक का काम था। इसके चलते नितेश सिंह के सम्पर्क में कई बड़े अपराधी थे। बनारस में वर्षों पहले डा.डीपी सिंह का मर्डर हुआ था और इस चर्चित हत्याकांड में नितेश सिंह को आरोपी बनाया गया था बाद में वह कोर्ट से बरी हो गया था। नितेश सिंह पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे जिसमे से कुछ में उसे कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी थी। नितेश सिंह के कई धंधे थे बस चलवाने से लेकर मजदूरों की सप्लाई करने का काम भी करता था। नितेश सिंह किसी से डरता नहीं था इसलिए उसके कई दुश्मन थे। नितेश उर्फ बबलू सिंह को पता था कि कई लोग उस पर हमला कर सकते हैं इसलिए उसने लाइसेंसी पिस्टल रखने के साथ अपनी लग्जरी कार को बुलेटप्रूफ करवा लिया था इसके बाद भी उसकी जान नहीं बच पायी।
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सटीक मुखबिरी व पेशेवर शूटरों ने दिया था घटना को अंजाम
नितेश सिंह तहसील आये थे और कुछ काम करके अपनी कार में बैठ रहे थे इसी बीच शूटरों ने ताबड़तोड़ गोली चला कर उनकी हत्या कर दी थी। गोली मारने के बाद शूटर तुरंत चले गये थे और कुछ दूरी पर जाने के बाद फिर वापस आये थे। शूटरों को लगा था कि नितेश की जान अभी नहीं गयी है इसलिए वापस आकर फिर से गोली मारी थी और असलहा लहराते हुए फरार हो गये थे। शूटरों ने जिस बेखौफ ढंग से घटना को अंजाम दिया था उसके पुलिस ने चुनौती मानी थी। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने सारनाथ थाना प्रभारी को तुरंत निलंबित कर दिया था। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच के साथ पुलिस की कई टीमे लगायी गयी थी लेकिन कातिल अभी तक कानून के शिकंजे में नहीं आ सके हैं।
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नितेश सिंह तहसील आये थे और कुछ काम करके अपनी कार में बैठ रहे थे इसी बीच शूटरों ने ताबड़तोड़ गोली चला कर उनकी हत्या कर दी थी। गोली मारने के बाद शूटर तुरंत चले गये थे और कुछ दूरी पर जाने के बाद फिर वापस आये थे। शूटरों को लगा था कि नितेश की जान अभी नहीं गयी है इसलिए वापस आकर फिर से गोली मारी थी और असलहा लहराते हुए फरार हो गये थे। शूटरों ने जिस बेखौफ ढंग से घटना को अंजाम दिया था उसके पुलिस ने चुनौती मानी थी। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने सारनाथ थाना प्रभारी को तुरंत निलंबित कर दिया था। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच के साथ पुलिस की कई टीमे लगायी गयी थी लेकिन कातिल अभी तक कानून के शिकंजे में नहीं आ सके हैं।
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गैंगवार की आशंका से उड़ी हुई है पुलिस की नीद
बागपत की जेल में सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी की हत्या से ही पूर्वांचल में गैंगवार की पटकथा तैयार हो गयी थी। इसके बाद नितेश सिंह की हत्या को भी कुछ लोग इसी कड़ी से जोड़ कर देख रहे हैं जबकि अन्य लोगों का मानना है कि बस संचालक का मर्डर कर मुन्ना बजरंगी की मौत का बदला लिया गया है। जौनपुर के एक बाहुबली नेता, लखनऊ के एक बाहुबली का नाम भी इस घटना से जोड़ा जा रहा है। फिलहाल पुलिस के पास अभी तक हत्या के सही कारण की जानकारी नहीं हो पायी है ऐसे में शूटरों की पहचान करना दूर की कौड़ी है।
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बागपत की जेल में सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी की हत्या से ही पूर्वांचल में गैंगवार की पटकथा तैयार हो गयी थी। इसके बाद नितेश सिंह की हत्या को भी कुछ लोग इसी कड़ी से जोड़ कर देख रहे हैं जबकि अन्य लोगों का मानना है कि बस संचालक का मर्डर कर मुन्ना बजरंगी की मौत का बदला लिया गया है। जौनपुर के एक बाहुबली नेता, लखनऊ के एक बाहुबली का नाम भी इस घटना से जोड़ा जा रहा है। फिलहाल पुलिस के पास अभी तक हत्या के सही कारण की जानकारी नहीं हो पायी है ऐसे में शूटरों की पहचान करना दूर की कौड़ी है।
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