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वाराणसी में किसानों के मुद्दों पर खुलकर बोले पीएम मोदी, 11 प्वाइंट्स में समझिए भाषण की खास बातें

– वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के मुद्दे पर खुलकर बात की – कहा- बीजेपी सरकार किसानों की हितैषी, कहा- नहीं होने दे रहे कोई दिक्कत

वाराणसीNov 30, 2020 / 04:50 pm

Hariom Dwivedi

Narendra Modi

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23वीं बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे। देव-दीपावली पर कार्यक्रम में शिरकत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की 2447 करोड़ रुपए की राजातालाब-हंडिया सिक्सलेन के चौड़ीकरण का लोकार्पण किया। कहा कि सिक्‍स लेन के बनने से यातायात की सुविधा बेहतर होगी। काशी व प्रयाग राज के बीच आना जाना और आसान हो गया। कांवरियों को सुविधा होगी। कुंभ को भी लाभ मिलेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बीजेपी सरकार को किसानों की हितैषी सरकार सरकार करार दिया। 11 प्वाइंट्स में समझिये किसानों के मुद्दों पर क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…
1. मुझे विश्वास है, आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे।

2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं हैं, कुछ सवाल हैं, तो उनका जवाब भी सरकार निरंतर दे रही है।
3. आशंकाओं के आधार पर भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई लगातार देश के सामने आ रही है। जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं, तो ये दूसरे विषय पर झूठ फैलाने लगते हैं।
4. मुझे एहसास है कि दशकों का छलावा किसानों को आशंकित करता है, लेकिन अब छल से नहीं गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है।

5. यही लोग हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर ये लोग सवाल उठाते थे। अफवाह फैलाते थे कि चुनाव को देखते हुए ये पैसा दिया जा रहा है और चुनाव के बाद यही पैसा ब्याज सहित वापस देना पड़ेगा।
6. देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद दी जा रही है। अब तक इसका लाभ लगभग 1 लाख करोड़ रुपए किसानों तक पहुंच भी चुका है।
7. अब आप ही बताइए कि अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था, तो इनको ताकत देने, इन पर इतना निवेश ही क्यों करते? हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
8. 2014 से पहले के 5 सालों में गेहूं की खरीद पर डेढ़ लाख करोड़ रुपए के आसपास ही किसानों को मिला। वहीं हमारे 5 सालों में 3 लाख करोड़ रुपए गेहूं किसानों को मिल चुका है यानि लगभग 2 गुणा।
9. सिर्फ दाल की ही बात करें तो 2014 से पहले के 5 सालों में लगभग साढ़े 6 सौ करोड़ रुपए की ही दाल किसान से खरीदी गईं। लेकिन इसके बाद के 5 सालों में हमने लगभग 49 हज़ार करोड़ रुपए की दालें खरीदी हैं यानि लगभग 75 गुणा बढ़ोतरी।
10. हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुणा MSP देंगे। यह वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया, बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है।
11. हमने कहा था कि हम यूरिया की कालाबाज़ारी रोकेंगे और किसान को पर्याप्त यूरिया देंगे। बीते 6 साल में यूरिया की कमी नहीं होने दी। यहां तक कि लॉकडाउन तक में जब हर गतिविधि बंद थी, तब भी दिक्कत नहीं आने दी गई।

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