डा. बैजनाथ प्रसाद ने बताया कि जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय के साथ काफी समय गुजराने का मौका मिला था। पहले जनसंघ के कार्यकर्ता बहुत मुश्किल से मिलते थे। गांव में तो कार्यकर्ताओं की सबसे अधिक कमी होती थी। बैजनाथ प्रसाद ने बताया कि आज की तरह पहले संसाधन नहीं होते थे लोगों तक अपनी बात पहुंचाना आसान नहीं होता था। आज की तरह उस समय बाइक नहीं थी इसलिए जो साधन मिलता था उसी के सहारे ही हम लोग प्रचार करते थे। बैजनाथ प्रसाद ने बताया कि जब दीनदयाल उपाध्यय के निधन की सूचना मिली थी तो सभी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गयी थी। बीजेपी की वर्तमान स्थिति पर कहा कि यह देख कर विश्वास नहीं होता है कार्यकर्ताओं से ही संगठन मजबूत होता है और बीजेपी के पास अब कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है।
यह भी पढ़े:-पीएम मोदी ने इन पांच लोगों को खुद दिलायी सदस्यता, कोई चलता है रिक्शा ट्राली तो कोई करता है मकान पेंटिंग का काम जनसंघ की शाखा पर लगा था प्रतिबंध, साढ़े पांच माह तक गये थे जेलडा.बैजनाथ प्रसाद ने बताया कि जनसंघ की शाखा लगाने पर प्रतिबंध लग गया था तो उन्हें भी साढ़े पांच माह तक चौकाघाट जेल में रहना पड़ा था। 28 दिसम्बर 1948 को शीतला घाट पर सत्याग्रह करने के बाद जेल गये थे। शिवपुर निवासी डा.बैजनाथ प्रसाद ने बताया कि नगर निगम में दो बार बीजेपी सभासद दल के नेता रहे हैं। शिवपुर वार्ड से दो बार सभासद भी रह चुके हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के हाथ से सम्मानित होने पर बेहद खुशी है। बीजेपी की तरक्की देख कर बहुत अच्छा लगता है।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलने की कसम खाकर आठ माह से नंगे पैर ही चलाता था रिक्शा ट्राली, ऐसे पूरा हुआ सबसे बड़ा सपना