गंभीर और जानलेवा बीमारियों की दवाओं की कीमतें छू रहीं आसमान एसोसिएसन के जनरल काउंसिल सदस्य मनोज शर्मा और दूसरे दवा व्यवसायियों ने न केवल जिलाधिकारी कार्यालय को ज्ञापन सौंपा बल्कि प्रधानमंत्री के स्थानीय कार्यालय में भी ज्ञापन दिया। इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए मनोज शर्मा ने कहा कि सरकार जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 5 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवा के लिए आवंटित करे और जीवन रक्षक दवाओं की कीमत 10.7 फीसद तक बढ़ाने का फैसला वापस ले। सचिव अनुपम सिंह ने कहा कि महंगी हुईं 800 दवाओं में एचआईवी, एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल, एंटीबायोटिक, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, हृदय रोग, कैंसर, किडनी जैसे गंभीर व जानलेवा रोगों के इलाज में काम आने वाली दवा की कीमत आसमान छू रही है।
मेडिकल डिवाइसेज और सर्जिकल आइटम जीएसटी की परिधि से बाहर हो बालेंद्र सिंह ने मेडिकल डिवाइसेज और सर्जिकल आइटम को जीएसटी की परिधि से बाहर करने की मांग की तो जनरल काउंसलर रजनीश कांत पाठक ने कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र में कॉर्पोरेट करप्शन को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए। सोनू प्रताप सिंह ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर अंकुश लगाने की वकालत की। वहीं कुश सिंह ने मल्टीनेशनल कंपनियों के भारतीय फार्मा कंपनी के अधिग्रहण को रोकने की मांग की तो संपूर्णानंद पांडेय ने वैक्सीन उत्पादक इकाईयों को बढ़ाने की वकालत की।