गंगा में छोटी और बड़ी 1,500 नाव का संचालन किया जाता है। 20 अप्रैल से नावों का संचालन गंगा में बंद है। लॉकडाउन के चलते करीब डेढ़ माह से बंद पड़े नौकायन से नाविकों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा था। जिले में अब कोरोना को लेकर स्थिति पहले से बेहतर है। प्रदेश में आंशिक लॉकडाउन भी हटा दिया गया है। बाजार खुल गए हैं। ऐसे में नौकायन समिति ने दोबारा नाव संचालन शुरू करने पर सहमति जताई है। इस पर बैठक की गई। बैठक में शामिल नौकायन समिति के अध्यक्ष शंभूनाथ साहनी ने कहा कि 80 से राजघाट के बीच मल्लाह समाज की आबादी करीब एक लाख 20 हजार है। गंगा के उस पार रामनगर और डोमरी में भी मल्लाह समाज रहता है जो कि पूरी तरह नौकायन पर निर्भर है।
कोविड गाइडलाइन का होगा पालन एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने कहा कि बैठक में तय हुआ है कि 14 जून से हफ्ते में सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना सुबह से लेकर शाम 7 बजे तक गंगा में नौकायन होगा। नाविकों को कोविड-19 की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। नौकायन के दौरान नाविकों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाना होगा। नाव के बैठने वाले लोगों को मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराना होगा। नाव में लाइफ जैकेट या हवा भरी ट्यूब जैसे जीवनरक्षक रखा जाएगा।