वाराणसी

राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर साधुओं में बढ़ा विवाद, परमहंस दास के नये बयान से मचेगा हड़कंप

कहा गुरु का फैसला स्वीकार, कुछ देर से पहुंचती पुलिस तो हो जाती मेरी हत्या

वाराणसीNov 16, 2019 / 05:05 pm

Devesh Singh

Swami Paramhansa das

वाराणसी. सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद पर निर्णय के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर साधुाओं के एक वर्ग मेंं घमासान शुरू हो गया है। तपस्वी छावनी से निष्कासित होने पर परमहंस दास ने कहा कि गुरु का यह फैसला स्वीकार है। यदि अयोध्या में कुछ देर से पुलिस पहुंचती तो मेरी हत्या हो चुकी होती।
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मीडिया से बातचीत में परमहंस दास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर 12 दिन तक अनशन किया था, जिसेे सीएम ने तुड़वाया था। सवा सौ लाख बार प्रभु श्रीराम का जाप भी कराया। इसमे तमाम मुस्लिम धर्मगुरु भी शामिल थे। सतनान धर्म संसद में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कराया। राम मंदिर के निर्माण में लगातार लगे रहे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन सबसे से न्यास अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास हमसे जलन रखने लगे। वह सोचने लगे कि परमहंस यहां से हट जाये या फिर उसकी हत्या करा दी जाये। सबसे शर्मनाक यह लगा कि नृत्य गोपाल दास व उनके उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने सैकड़ों अनुयायियों के साथ हमला करा दिया। मैं यह मानता हूं कि आपके पास बहुत पैसा है। सीएम तक पहुंच है। पुलिस भी उनके गुंडों से बचाने में परेशानी हुई। किसी तरह से पुलिस ने मुझे वहा से निकाला। इसके बाद मैं इधर-उधर भटक रहा हूं। परमहंस दास ने कहा कि वह लोग अपने पैसे व ताकत के बल पर मुझे निष्कासित करा दिया है। नृत्य गोपाल दास व उनके उत्तराधिकारी कमल नयन दास साुध नहीं है यह अध्योध्या के सबसे बड़े गुंडे हैं। इन लोगों ने राम मंदिर के नाम पर अरबो रुपये कमाये। महंत परमहंस दास ने कहा कि उन लोगों को हमसेे कोई दिक्कत थी तो कानूनी कार्रवाई कराते। जिस तरह से कश्मीर में पत्थरबाज हमला करते हैं उसी तरह हमारे उपर हमला कराया गया। आप साधु कहा रह गये। आप गुंडे हैं। यह लोग पूर्ण रुप से गुंडई पर उतर आये हैं।
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ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के विवाद पर दिया यह बयान
ट्रस्ट के अध्यक्ष के लेकर विवाद पर परमहंस दास ने कहा कि यह स्वार्थों की लड़ाई है। डा. राम विलास वेदांती कहते हैं कि सीएम नाग सम्प्रदाय के हैं उन्हें चेयरमैन नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कहते हैं कि आपको उदारता रखनी चाहिए। राम किसी एक के नहीं सभी के है। सभी को लेकर चलने की जरूरत है सभी को मिला कर ट्रस्ट बनाये। इससे राम मंदिर के साथ राष्ट्र मंदिर का निर्माण हो सके। मैं अपना पूरा स्थान छोड़ कर भागा। मुझे लगा कि यह मेरी हत्या करा दी जायेगी। ऐसा होगा तो लोग कहते हैं कि अयोध्या के साधु-संत हत्या करने लगे। अयोध्या बदनाम होती। इसलिए वहा से बनारस आ गया। नृत्यगोपाल दास मेरी हत्या कही भी कर सकते हैं लेकिन अयोध्या बदनाम नहीं होगी। मीडिया के ऑडियो वायरल होने के प्रश्र पर कहा कि डा राम विलास वेदांती ने मुझे फोन किया और कहा कि एक नाग सम्प्रदाय वाला चेयरमैन बनना चाहता है इसलिए विरोध करें। यह सुनकर मुझे दु:ख लगा। मुझे लगा कि वह लोग सुधर जायेंगे।
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