पूरा सिस्टम फेल रितेश मिश्र ने कहा कि उनके पिता ने वाराणसी का नाम दुनियाभर में रोशन किया, लेकिन उस चिराग को बचाने में पूरा तंत्र फेल हो गया। सरकार ने अगर अपनी तैयारी पहले ही दुरुस्त कर ली होती, तो उनके पिता की जान बचाई जा सकती थी। सरकार को जरूरत है कि बड़े-बड़े मंदिर और गुरुद्वारे बनवाने की जगह स्वास्थ्य विभाग को मजबूत किया जाए ताकि भविष्य की सुनामी से लोगों को बचाया जा सके। बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते 25 अप्रैल को पं. राजन मिश्र का निधन हो गया था। काफी प्रयास के बाद भी उन्हें वेंटिलेटर नहीं मिल सका। जब तक वेंटिलेटर की व्यवस्था हुई तब तक उन्होंने दम तोड़ दिया था।
पं. राजन मिश्र अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम पं. राजन मिश्र कोविड हॉस्पिटल में हाइटेक फायर फाइटिंग की व्यवस्था की गई है। 10 जोन में 60 डिटेक्टर लगा है, जिससे आग लगने पर 30 सेकंड में कंट्रोल रूम में सूचना मिलेगी। जिससे समय पर आग पर काबू पाया जा सकेगा। हॉस्पिटल में आग पर काबू पाने के लिए डीआरडीओ की ओर 20 स्टाफ तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही अग्निशमन विभाग द्वारा एक ड्राइवर, एक लीडिंग फायरमैन और चार फायरमैन तैनात किए गए हैं।