कार्य परिषद की मिली मंजूरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के जरिए ज्योतिष शास्त्र, पौरोहित्य कर्म प्रशिक्षण व कर्मकांड का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए बाकायदा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। इस प्रशिक्षण के बाद छात्रों को विभिन्न मंदिरो में अर्चक, श्राद्ध कर्म एवं अन्य पौरोहित्य कार्य कर सकेंगे। इसके माध्यम से वो खुद स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे। ऐसे ही ज्योतिष व कर्मकांड का प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार के संसाधन जुटा सकेंगे।
ये भी पढें- काशी में गंगा जल के काला होने के बाद अब मार्च में ही उभरी रेत, जानें क्या कहते हैं गंगा नदी विशेषज्ञ… 60 हजार से ज्यादा छात्रों को मिलेगा फायदाबताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के इस संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों के अलावा 60 हजार छात्रों का लाभ होगा।
ये भी पढें- BHU साइबर लाइब्रेरी में देर रात तक अध्ययन करने वाली छात्राओं की सुविधा और सुरक्षा का विश्वविद्यालय करेगा इंतजाम नेट-जेआरएफ में होगा मददगारयहां तक कहा जा रहा है कि ये संस्कृत प्रशिक्ष केंद्र नेट, जेआरएफ व अन्य दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहयोग करेगा।
कार्यपरिषद के अन्य महत्वपूर्ण फैसले -विश्वविद्यालय आयुर्वेद कॉलेज के प्राचीन भवन को वापस लेगा
-परिसर की दो एकड़ जमीन पर अपना नाम दर्ज कराएगा
-पांडुलिपि संरक्षण पर ज्यादा जोर दिया जाएगा
ये भी पढें- 6 साल बाद आखिर हुई छात्रों की जीत, BHU केंद्रीय लाइब्रेरी में अब रात को भी पढ़ाई की सुविधा बहाल, पूर्व कुलपति जीसी त्रिपाठी ने लगाई थी रोक कार्य परिषद की बैठक में ये रहे शामिल कार्यपरिषद की बैठक में इलाहाबाद हाईकोर्ट की जज न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान, डॉ अरुण कुमार राय, प्रो सुधाकर मिश्र, कुलसचिव डॉ ओमप्रकाश, परीक्षा नियंत्रक अर्चना जौहरी, प्रो रमेश प्रसाद, प्रो राजनाथ, प्रो हीरकांत चक्रवर्ती, प्रो महेंद्र पांडेय, डॉ विजय पांडेय, डॉ विजय शर्मा, डॉ सत्येंद्र यादव आदि मौजूद रहे।