ओमप्रकाश राजभर व बीजेपी की राह अब अलग हो गयी है। पूर्वांचल में राजभर वोटरों का सबसे बड़ा नेता अब बीजेपी से अलग हो गया है। ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के जीत का दावा करके नया सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ओमप्रकाश राजभर के पास सपा-बसपा गठबंधन के साथ राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस से गठबंधन करने का मौका था लेकिन उन्होंने बीजेपी के इंतजार में किसी से गठबंधन नहीं किया। बीजेपी ने जब घोसी संसदीय सीट से अपने सिंबल पर ओमप्रकाश राजभर को चुनाव लड़ाने की पेशकश की थी तभी सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बीजेपी से किनारा किया था। इसके बाद महागठबंधन के साथ जाना चाहते थे लेकिन इतना देर हो चुका था कि इसकी संभावना भी नहीं बची थी।
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पूर्वांचल की इन सीटों पर है इतने राजभर वोटर
घोसी:-2.5 लाख, बलिया:-1.15 लाख, चंदौली:-1.50 लाख, सलेमपुर:-1.50 लाख, गाजीपुर:-1.75 लाख, देवरिया:-80 हजार, आजमगढ़:-1.50 लाख, लालगंज:-2 लाख, अम्बेडकर नगर:-2.50 लाख, मछलीशहर:-डेढ़ लाख, जौनपुर:-1.15 लाख, वाराणसी:-1.50 लाख, मिर्जापुर:-70 हजार व भदोही में 80 हजार
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यूपी की 39 सीटों पर खड़े किये हैं प्रत्याशी, कहा बीजेपी मेरी फोटो लगा कर मांग रही वोट
ओमप्रकाश राजभर ने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब पूर्वांचल की सीटों पर मतदान होना है। 12व 19 मई को अंतिम छठे व सातवें चरण के लिए मतदान होना है। ऐसे में ओमप्रकाश राजभर का इस समय अलग होना बीजेपी की परेशानी बढ़ा सकता है। इस्तीफा देने के बाद ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि बीजेपी मेरी फोटो लगा कर वोट मांग रही है। ऐसे में राजभर वोटर बीजेपी से सावधन रहे। बताते चले कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी चुनाव 2017 से पहले सुभासपा से गठबंधन किया था इसके बाद यूपी चुनाव परिणाम आने के बाद ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था लेकिन यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से सुभासपा व बीजेपी के रिश्ते बिगड़ते गये थे, जो इस्तीफा देने के साथ खत्म भी हो गये।
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