राष्ट्रीय महासचिव अरुन राजभर ने बताया कि यूपी में १३ सीट पर होने वाले उपचुनाव में सुभासपा अपने प्रत्याशी को उतारेगी। संगठन को मजबूत करने का काम तेजी से चल रहा है। अगस्त में बैठक कर नयी कार्यकारिणी का गठन होगा। इसके बाद सुभासपा पंचायत व यूपी चुनाव 2022 में भी मैदान में उतरेगी। गठबंधन के प्रश्र पर कहा कि बीजेपी ने हमें धोखा दिया है इसलिए बीजेपी से गठबंधन नहीं करेंगे। अखिलेश यादव, मायावती या फिर राहुल व प्रियंका गांधी की कांग्रेस से गठबंधन का विकल्प खुला हुआ है। पार्टी ने अभी अकेले की चुनाव लडऩे का मन बनाया है लेकिन सही विकल्प मिला तो गठबंधन से परहेज नहीं रहेगा।
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लोकसभा चुनाव २०१९ का परिणाम आने के बाद बीजेपी व सुभासपा की राह अलग हो गयी थी
यूपी चुनाव 2017 से पहले बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया था। सुभासपा व बीजेपी के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे थे। सुभासपा ने हमेशा ही सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की गड़बड़ी को लेकर विरोध किया था। लोकसभा चुनाव में सुभासपा ने बीजेपी ने एक सीट मांगी थी लेकिन बीजेपी ने ओमप्रकाश राजभर को घोसी संसदीय सीट से अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने का आमंत्रण दिया था जिसे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया और अपने प्रत्याशी उतार दिये। चुनाव में सुभासपा के एक भी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। ओमप्रकाश राजभर ने चुनाव से पहले ही कैबिनेट मंत्री पद से अपना इस्तीफा देने का दावा किया था लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम आने के बाद बीजेपी ने ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री पद से हटा कर उनका विभाग अनिल राजभर को सौप दिया था साथ ही सुभासपा नेताओं को दिये गये निगम अध्यक्ष का पद भी ले लिया था।इसके बाद से सुभासपा व बीजेपी की राह पूरी तरह से अलग हो गयी थी।
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यूपी चुनाव 2017 से पहले बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया था। सुभासपा व बीजेपी के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे थे। सुभासपा ने हमेशा ही सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की गड़बड़ी को लेकर विरोध किया था। लोकसभा चुनाव में सुभासपा ने बीजेपी ने एक सीट मांगी थी लेकिन बीजेपी ने ओमप्रकाश राजभर को घोसी संसदीय सीट से अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने का आमंत्रण दिया था जिसे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया और अपने प्रत्याशी उतार दिये। चुनाव में सुभासपा के एक भी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। ओमप्रकाश राजभर ने चुनाव से पहले ही कैबिनेट मंत्री पद से अपना इस्तीफा देने का दावा किया था लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम आने के बाद बीजेपी ने ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री पद से हटा कर उनका विभाग अनिल राजभर को सौप दिया था साथ ही सुभासपा नेताओं को दिये गये निगम अध्यक्ष का पद भी ले लिया था।इसके बाद से सुभासपा व बीजेपी की राह पूरी तरह से अलग हो गयी थी।
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