छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय में चुनाव अधिकरी तक नियुक्त हो गये थे और छात्रसंघ चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी थी। नामांकन के कुछ दिन पहले ही साजिश के तहत चुनाव स्थगित कर दिया जाता है। बीजेपी सरकार को जानकारी मिल गयी थी कि यहां पर चुनाव में एबीवीपी की हार तय है इसके चलते ही चुनाव स्थगित कराया गया है। छात्रों ने कहा कि जिला प्रशासन की अनुमति के बाद ही चुनाव की तिथि जारी होती है। एक बार जिला प्रशासन चुनाव की तिथि पर अपनी मुहर लगाता है और फिर त्योहार के नाम पर फोर्स नहीं होने की बात कहते हुए चुनाव की तिथि स्थगित करा दी जाती है। छात्रों ने कह कि यदि जल्द ही चुनाव की तिथि जारी नहीं होती है तो वह अपना आंदोलन तेज करने को बाध्य होंगे। धरने में काशी विद्यापीठ के पूर्व उपाध्यक्ष व एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष विकास सिंह, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ कुंवर, हरीश मिश्रा आदि कार्यकर्ता शामिल थे।
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जिला प्रशासन के निर्देश पर स्थगित किया गया छात्रसंघ चुनाव
विश्वविद्यालय में दीपावली के दिन नामांकन होना था और नवम्बर के पहले सप्ताह मतदान होना था लेकिन दीपावली, छठ आदि पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन ने फोर्स उपलब्ध कराने में असमर्थता जता दी थी जिसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन को चुनाव स्थगित करना पड़ा था।
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विश्वविद्यालय में दीपावली के दिन नामांकन होना था और नवम्बर के पहले सप्ताह मतदान होना था लेकिन दीपावली, छठ आदि पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन ने फोर्स उपलब्ध कराने में असमर्थता जता दी थी जिसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन को चुनाव स्थगित करना पड़ा था।
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