इस सुविधा के उपलब्ध होने से थायराइड कैंसर, न्यूररोइंडोक्राइन ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा के साथ ऐसा कैंसर जिसमें ऑपरेशन की संभावना न हो का इलाज हो सकेगा। ऐसे में कैंसर के इन गंभीर रोगियों को बड़े शहरो की भागदौड़ नहीं करनी होगी।
होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच), लहरतार और महमना मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीबी), बीएचयू परिसर के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के डॉ वरुण शुक्ला का कहना है कि रेडियो न्यूक्लाइड थेरेपी में कई तरह की थेरेपी आती है। इसमें रेडियो-आयोडिन थेरेपी, पीएसएमए थेरेपी, एमआईबीजी डोटाटेट व समेरियम थेरेपी प्रमुख है।
उन्होंने बताया कि जब थायरायड ग्रंथि में कैंसर होता है तो उसे ऑपरेशन कर निकाल दिया जाता है। लेकिन कई दफा कैंसर थायरायड ग्रंथि के ऐसे हिस्से या शरीर के दूसरे हिस्सों में रह जाता है जिसे सर्जरी से बाहर नहीं निकाला जा सकता। इस तरह के मरीजों के लिए रेडियो थेरेपी से होने वाली रेडियो आयोडिन एब्लेशन थेरेपी ही कारगर होती है।
बता दें कि वाराणसी में महामना मालवीय कैंसर केंद्र का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके अलावा लहरतार में पहले से कैंसर अस्पताल रहा जिसे अपडेट किया गया। अब दोनों ही कैंसर अस्पताल में टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों के अधीन है। यहां कैंसर रोग के निदान को विशेषज्ञों की पूरी टीम काम कर रही है।