वाराणसी जोन की बात की जाये तो यहां पर कुल 10 जिले आते हैं। इन जिलों में बलिया ऐसा है, जहां पर अभी तक कोई दागी पुलिसकर्मी नहीं मिला । जबकि सबसे अधिक 22दागी पुलिसकर्मी वाराणसी जिले से रिटायर किये गये हैं। इसके बाद आजमगढ़ का नम्बर आता है, यहां से पांच पुलिसकर्मी को जबरन रिटायर किया गया। इसी क्रम में जौनपुर से दो, गाजीपुर से चार, चंदौली से एक, मऊ से दो, बलिया से जीरो, मिर्जापुर से चार, सोनभद्र से चार व भदोही से तीन पुलिसकर्मियों को जबरदस्ती रिटायर किया गया है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर और पुलिसकर्मियों पर रिटायरमेंट की गाज गिर सकती है। पुलिस विभाग में ऐसे दागी कर्मचारियों की खोज तेजी से जारी है।
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जानिए किस आरोप में पुलिसकर्मियों को किया गया रिटायर
सीएम योगी आदित्यनाथ पुलिस विभाग से भ्रष्टाचार हटाना चाहते हैं। ऐसे में उन पुलिसकर्मियों को विभाग से बाहर किया जा रहा है जिन पर गंभीर आरोप है। 50 साल की आयु पार कर चुके इन पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार, किसी आरोप में जेल की हवा खा चुके या फिर विभाग की बदनामी करने वाले पुलिसकर्मियों को ही जबरन रिटायर किया गया है। यूपी सरकार के इस कार्रवाई से दागी पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है और खुद को बचाने के लिए नीचे से उपर तक पैरवी करने में जुटे हैं।
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सीएम योगी आदित्यनाथ पुलिस विभाग से भ्रष्टाचार हटाना चाहते हैं। ऐसे में उन पुलिसकर्मियों को विभाग से बाहर किया जा रहा है जिन पर गंभीर आरोप है। 50 साल की आयु पार कर चुके इन पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार, किसी आरोप में जेल की हवा खा चुके या फिर विभाग की बदनामी करने वाले पुलिसकर्मियों को ही जबरन रिटायर किया गया है। यूपी सरकार के इस कार्रवाई से दागी पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है और खुद को बचाने के लिए नीचे से उपर तक पैरवी करने में जुटे हैं।
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