वाराणसी

New Year 2020-वेंटिलेटरपर चल रही स्वास्थ्य सेवा में 13 मेडिकल कॉलेज फूंकेंगे नयी जान

वर्ष 2020 में मिलेगी सौगात, विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी सबसे बड़ी समस्या

वाराणसीJan 01, 2020 / 04:04 pm

Devesh Singh

Medical Collage

वाराणसी. स्वास्थ्य सेवा को लेकर नया साल 2020 बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। प्रदेश में 13 नये मेडिकल कॉलेज खुल जाने से वेंटिलेटर पर चल रही स्वास्थ्य व्यवस्था को नयी जान मिल पायेगी। आम आदमी के लिए सरकारी अस्पताल ही नयी जिंदगी मिलने का जरिया होता है लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी ने गरीबों की उम्मीद पर सबसे अधिक पानी फेरा है।
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केन्द्र व यूपी में बीजेपी की सरकार है। सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार में जुटी हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने दो चरण में १३ नये मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है। पांच मेेडिकल कॉलेज तो जमीन पर उतर चुके हैं जबकि आठ को अभी उतरना है। इस योजना में केन्द्र सरकार भी आर्थिक मदद कर रही है। इन मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2020से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने की योजना है, जिससे मेडिकल क्षेत्र में अध्ययन करने वाले छात्रों के साथ मरीजों को भी बड़ा फायदा होगा।
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आईसीयू व वेंटिलेटर तक की नहीं है व्यवस्था
विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते सभी सरकारी अस्पताल में आईसीयू व वेंटिलेटर तक की व्यवस्था नहीं है। कुछ जगहों पर एमबीबीएस किये चिकित्सकों को विशेष ट्रेनिंग देकर डायलिसिस करायी जा रही है। सरकार ने आऊटसोर्सिंग कर बाहरी चिकित्सकों से भी सेवा लेने की तैयारी की थी लेकिन यह योजना जमीन पर ठीक से नहीं उतर पायी। इसके चलते आम लोगों की सरकारी अस्पताल आम बीमारी के इलाज का साधन बना हुआ है। नये मेडिकल कॉलेज खुल जाने से स्वास्थ्य विभाग की नयी छवि लोगों के सामने आयेगी।
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प्रत्येक मेडिकल कॉलेज पर 325 करोड़ की लागत आ रही है
.60 प्रतिशत केन्द्र व 40प्रतिशत राज्य सरकार देगी
.तीन संसदीय क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना
.प्रदेश में कुल 27 नये मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी है
.कैंसर, हृदय, किडनी रोग, गैस्ट्रालॉजी, न्यूरो सर्जन आदि विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है।
.डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक हजार व्यक्ति पर एक चिकित्सक होना चाहिए
यूपी में 3700 मरीजों पर एक चिकित्सक है
.प्रदेश में सरकारी चिकित्सकों के कुल 18 हजार पद है, जहां पर लगभग आठ हजार चिकित्सक तैनात है और दस हजार पद खाली है।
.पहले चरण में पांच मेडिकल कॉलेज हुए थे पास
ललितपुर, कुशीनगर, अध्योध्या, बिजनौर व गोंडा
.दूसरे चरण में आठ मेडिकल कॉलेज हुए पास
लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरेया, कानपुर देहात व कौशांबी
.अमेठी मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव अभी अधर में लटका
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