मंदिर की स्थापना विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डा.राजीव श्रीवास्तव ने करायी है। मंदिर का नाम सुभाष मंदिर रखा गया है। सुभाष भवन व सुभाष मंदिर को सुभाष तीर्थ के रुप में स्थापित किया जायेगा। मंदिर स्थापना का उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की सीख देनी है। प्रतिदिन सुबह भारत माता की प्रार्थना के साथ सुबह सात बजे मंदिर का पट खोला जायेगा। इसके बाद शाम सात बजे आरती और आजाद हिन्द सरकार के राष्ट्रगान का पाठ करके मंदिर का पट बंद होगा। मंदिर में गर्भवती महिलाओं के दर्शन की विशेष व्यवस्था की गयी है ताकि उनका पुत्र व पुत्री देशभक्त पैदा हो। मंदिर में सुभाष का अभिवादन, चरण स्पर्श दंडवत के अतिरिक्त जय हिन्द से भी किया जायेगा। मंदिर में ही सुभाष चन्द्र बोस के विचारों के अनुरुप सभी धर्म व जाति के लोगों को सुभाष भव में एकता का प्रशिक्षण भी मिलेगा।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी 15 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर आयेंगे बनारस
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी 15 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर आयेंगे बनारस
ग्रेनाइट से बनी है सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा, वेदपाठ व मंत्रोच्चारण के बाद खुला मंदिर का पट
मंदिर में ग्रेनाइट से बनी सुभाष चन्द्र बोस की ६ फीट की मूर्ति लगायी गयी है। मंदिर का पट पहली बार खोलने से पहले वेदपाठ व मंत्रोच्चारण किया गया। इसके बाद पांच नारियल फोड़ कर सुभाष मंदिर का पट खोला गया। मंदिर का पट खुलते ही ढोल-नगाड़े बचाये गये और पुष्पवर्षा की गयी। इसके बाद लोगों ने जय हिन्द व भारत माता की जय के नारे भी लगाये।
यह भी पढ़े:-शिवपाल यादव ने की यूपी के सबसे बड़े डॉन से मुलाकात, शासन को भेजी गयी रिपोर्ट
मंदिर में ग्रेनाइट से बनी सुभाष चन्द्र बोस की ६ फीट की मूर्ति लगायी गयी है। मंदिर का पट पहली बार खोलने से पहले वेदपाठ व मंत्रोच्चारण किया गया। इसके बाद पांच नारियल फोड़ कर सुभाष मंदिर का पट खोला गया। मंदिर का पट खुलते ही ढोल-नगाड़े बचाये गये और पुष्पवर्षा की गयी। इसके बाद लोगों ने जय हिन्द व भारत माता की जय के नारे भी लगाये।
यह भी पढ़े:-शिवपाल यादव ने की यूपी के सबसे बड़े डॉन से मुलाकात, शासन को भेजी गयी रिपोर्ट