तकनीकी विशेषज्ञो ने बताया कि इस सम्मेलन में नैनो-विज्ञान के महत्व की जानकारी दी जाएगी। बताया कि नैनो टेक्नॉलजी की विभिन्न सामाजिक समस्याओं जैसे स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा आवश्यकताएं और पर्यावरण के मुद्दों के समाधान में विशेष भूमिका है।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नैनो-विज्ञान, नैनो-प्रौद्योगिकी और जैव पदार्थ में नवीनतम वैज्ञानिक और तकनीकी विकास पर चर्चा करना तथा स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा आवश्यकताएं एवं पर्यावरण से संबंधित वर्तमान सामाजिक समस्याओं को हल करने में इनकी भूमिका को उजागर करना है। इस दिशा में भविष्य की दृष्टिकोण को निर्धारित करना है। इस उद्देश्य के लिए, यह सम्मेलन एक प्रयास है जो विश्व के बुद्धिमान लोगों के मस्तिष्क में यह बातें लाएगा जो अनुसंधान के उसी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप युवा और वरिष्ठ लोगों तथा देश के शोधकर्ताओं के बीच ज्ञान और प्रौद्योगिकी की सीमाओं को साझा किया जाता है।
सम्मेलन में प्रोफेसर, शोधकर्ता, छात्रों और अन्य हिस्सेदारों सहित लगभग 200 प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें यूएसए, यूके, जापान और अन्य देशों के लगभग 10-12 प्रतिनिधि भी अपने विचार रखेंगे। विशेष रूप से प्रो. डी.डी शर्मा (आई.आई.एस.सी. बंगलूरु) सेमीकंडक्टर नैनोक्रिस्टल के ब्राइटर साइड पर मुख्य व्याख्यान देंगे। प्रो. कीजी नुमाता (रिकेन,जापान) जो फंक्शनल नैनोमैटेरियल आधारित अनुसंधान के प्रतिपादक हैं और जैव-सूचना विज्ञान के विशेषज्ञ प्रो. तन्नर (क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी, यूके) भी इन चार दिनों के दौरान अनुसंधान अनुभवों को साझा करेंगे।
सम्मेलन के संरक्षक आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो प्रमोद कुमार जैन और निदेशक, आईआईटी गुवाहाटी प्रो गौतम विश्वास हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता संयुक्त रूप से प्रो. प्रभाकर सिंह, विभागाध्यक्ष, भौतिकी विभाग,आई.आई.टी. (बीएचयू) व प्रो. कन्नन पक्षीराजन, विभागाध्यक्ष, बीएसबीई विभाग,आई.आई.टी. गुवाहाटी कर रहें हैं ।