वाराणसी

मुन्ना बजरंगी की पांच बड़ी घटनाओं ने जरायम की दुनिया में मचा दिया था हड़कंप

Munna Bajrangi Murder : सुपारी किंग की ताकत का सबने माना था लोहा, घटना याद कर दहल जाते हैं लोग

वाराणसीJul 09, 2018 / 06:49 pm

Devesh Singh

Munna Bajrangi

वाराणसी. मुन्ना बजरंगी की हत्या हो चुकी है। सुपारी ङ्क्षकग के नाम से कभी नेता, अपराधी व व्यवसायी भयभीत रहते थे। बागपत जेल में मौत के बाद मुन्ना बजरंगी बीते दिनों की बात बन गया है लेकिन पूर्वांचल में की हुई पांच वह बड़ी घटना आज भी लोग नहीं भूले हैं। इन्ही घटनाओं के बाद यूपी में मुन्ना बजरंगी की ताकत का सभी ने लोहा मान लिया था।
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सुपारी के लिए ही मुन्ना बजरंगी ने सबसे अधिक हत्या की थी। एक बार सारे लोग मुन्ना बजरंगी का नाम जान गये थे उसके बाद मुन्ना बजरंगी की वसूली का खेल शुरू हो गया था। 20साल से अधिक समय तक जरायम दुनिया में सक्रिय रहने वाले मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्या के आरोप लगे थे। एक बार जिसकी सुपारी ले लेता था उसका बचना कठिन हो जाता था। मुन्ना बजरंगी के बारे में कहा जाता है कि कितना भी बड़ा नेता या अपराधी हो। उसकी सुपारी लेने से मुन्ना बजरंगी कभी पीछे नहीं हटता था और पुलिस सुरक्षा में रहने वाले लोगों को भी मुन्ना बजरंगी नहीं छोड़ता था इसके चलते ही सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी पर कभी सात लाख का इनाम था।
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इन पांच घटनाओं से दहन गया था पूर्वांचल
मुन्ना बजरंगी ने सबसे सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम 29 नवम्बर 2005 को अंजाम दिया था जब बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों की हत्या की गयी थी इस हत्या में मुन्ना बजरंगी का नाम आया था। AK-47 से सैकड़ों राउंड गोली चली थी इस हत्याकांड से जरायम की दुनिया में भी हड़कंप मच गया था।

काशी विद्यापीठ के पूर्व अध्यक्ष सुनील राय हत्याकांड


महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व अध्यक्ष सुनील राय समेट चार लोगों की 6 अप्रैल 1997 को नरिया में AK -47से हत्या कर दी गयी थी। अंधाधुंध गोली चली थी इस हत्याकांड की यूपी में भी धमक सुनायी दी गयी थी। आरोप है कि मुन्ना बजरंगी खुद गोली चलाने वालों में शामिल था।

अनिल राय हत्याकांड


सुनील राय के भाई अनिल राय की 17 दिसम्बर 2002 को मलदहिया में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी सीधे शामिल नहीं था लेकिन मुन्ना बजरंगी के इशारे पर ही हत्या की गयी थी। इस हत्या में भी AK-47 का प्रयोग किया था जिसे मुन्ना बजरंगी ने ही उपलब्ध कराया था।
वरुणापार में छोटे व बड़े हत्याकांड
बनारस के वरुणापार में छोटे व बड़े हत्याकांड में भी मुन्ना बजरंगी का नाम सामने आया था इस हत्याकांड में भी AK-47 का प्रयोग हुआ था। इस हत्याकांड के बाद से मुन्ना बजरंगी का नाम एके-४७ चलाने वाले अपराधियों की सूची में शामिल हो गया था जिसके बाद से बजरंगी गैंग की वसूली बढ़ गयी थी।

बनारस की प्रमुख मंडी में होती थी मुन्ना बजरंगी की वसूली


बनारस की सर्राफा, फल, दवा कोयला आदि मंडी में सबसे अधिक वसूली मुन्ना बजरंगी की होती थी। मुन्ना बजरंगी गैंग में भी अन्नु त्रिपाठी व बाबू यादव जैसे अपराधी भी शामिल थे जिनकी जेल या पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है। मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद अब गैंग की कमान संभालने को लेकर गैंगवार भी हो सकती है।
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