पीएम नरेन्द्र मोदी की सुनामी बाहुबली मुख्तार अंसारी का किला ध्वस्त नहीं कर पायी। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से चुनाव जितने में कामयाब रहे। जबकि बाहुबली मुख्तार के खास माने जाने वाले अतुल राय भी रेप के आरोप में फंसने के बाद भी घोसी से चुनाव जीत गये। सबसे खास बात है कि वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में भी पीएम नरेन्द्र मोदी का जादू यूपी चुनाव में सिर चढ़ कर बोला था और पहली बार बीजेपी को यूपी में 300 से अधिक सीट मिली थी। पीएम नरेन्द्र मोदी ने पहले सहयोगी दल रहे ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा प्रत्याशी को चुनाव जिताने के लिए मऊ में जनसभा किया था और मुख्तार अंसारी का नाम लिए बिना ही कहा था कि सुभासपा का कट्टपा बाहुबली को मारेगा। पीएम मोदी की जनसभा को मऊ में अधिक असर नहीं हुआ था और जेल में रहते हुए भी बाहुबली मुख्तार अंसारी मऊ संदर से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे।
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मनोज सिन्हा के काम नहीं आया गाजीपुर का विकास
मनोज सिन्हा ने गाजीपुर का विकास किया फिर भी नहीं जीत पाये चुनाव
मनोज सिन्हा ने गाजीपुर में विकास किया था इसके बाद भी बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी से चुनाव नहीं जीत पाये। बाहुबली मुख्तार की इस जीत के पीछे अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन की ताकत के साथ जनता से जुड़ाव भी है। अपने संसदीय या विधानसभा क्षेत्र में सभी जाति व धम्र के लोगों को जरूरत पडऩे पर अंसारी बंधु सभी संभव मदद करते हैं इसलिए आज भी उनका राजनीतिक किला बचा हुआ है। लोगों की मदद करने के कारण ही अंसारी बंधु को सभी जाति व धर्म के लोग साथ देते हैं इसलिए अंसारी बंधु बड़ी लहर में भी अपना किला बचाने में सफल होते हैं।
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मनोज सिन्हा ने गाजीपुर का विकास किया फिर भी नहीं जीत पाये चुनाव
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