दरअसल, शहीद रमेश यादव ड्यूटी पर जाने से पहले पत्नी रेनू से कहा था कि मैं सरहद पर देश की हिफाजत करुंगा और तुम घर को अच्छे से सम्भालना। परिजनों ने बताया कि ड्यूटी जाने से पहले अवधेश बहुत खुश थे और कहा था बहुत जल्द आउंगा। रमेश के बूढ़े मां-बाप को बिलखता देख कोई उन्हें चुप कराने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा।
पांच साल पहले शहीद रमेश की रेनू से हुई थी शादी
शहीद रमेश यादव की शादी पांच साल पहले रेनू से हुई थी। उनका डेढ़ साल का बेटा भी है। रमेश का बड़ा भाई राजेश कर्नाटक में दूध का व्यवसाय करता है। पिता श्याम नारायण घर पर रह कर खेती-किसानी करते हैं। गुरूवार की रात आठ बजे फोन आया तो रमेश के शहीद होने की जानकारी मिली। सहसा लोगों को भरोसा नहीं हुआ। लोग एक दूसरे से जानकारी लेने लगे। पुष्टि होते ही उनके परिजनों के साथ ही गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीण देर रात तक रमेश के घर के बाहर इकट्ठा थे।