पश्चिम बंगाल की राजनीति में लगी आग की तपिश पूर्वांचल में भी महसूस होगी। पीएम नरेन्द्र मोदी व अमित शाह की जोड़ी को चुनाव हराने में जुटे विपक्षी दलों को सीबीआई मुद्दे ने एकजुट कर दिया है। लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक आये सर्वे में किसी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में बीजेपी के विरोधी दलो के नेताओं में पीएम बनने की होड़ मचनी तय हो जायेगी। पीएम की रेस में अधिकांश दल के नेता खुद को शामिल मानते हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने देश का पीएम बनने के लिए ही सपा से गठबंधन किया है। बसपा को उम्मीद है कि यूपी में अधिक सीट मिलने व किसी दल को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में पूर्व सीएम मायावती की पीएम पद के लिए दावेदारी मजबूत हो जायेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए सबसे बड़ी समस्या ममता बनर्जी बन कर उभर रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती भी इस बात को जानती है इसलिए हमेशा तुणमूल कांग्रेस को समर्थन दिया है लेकिन ममता बनर्जी की रैली से दूरी बना कर बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुद की पीएम पद के लिए दावेदारी बचाये रखी है।
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ममता बनर्जी व मायावती मेें जिसने अधिक सीट जीती, उसका दावा होगा मजबूत
पश्चिम बंगाल में 42 संसदीय सीट है, जबकि यूपी में कुल 80 संसदीय सीट है। बसपा सुप्रीमो मायावती को सपा से गठबंधन के बाद 38 सीट मिली है और ममता बनर्जी अकेले चुनाव लड़ती है तो कुल 42 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। लोकसभा चुनाव 2014 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी की लहर में भी ममता बनर्जी ने 42 में से 34 सीट पर जीती है जबकि कांग्रेस को चार, बीजेपी व लेफ्ट पार्टी को दो-दो सीट मिली थी। ममता बनर्जी इस लोकसभा चुनाव में भी इस जादू को दोहराना चाहती है। यदि ममता बनर्जी को मायावती से अधिक सीट पर जीत मिल जाती है तो पीएम पद पर दावेदारी तगड़ी हो जायेगी। पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल करके ममता बनर्जी ने दिखा दिया है कि वह विपक्ष की सबसे बड़ी नेता बन सकती है जो पीएम मोदी से सीधा लड़ाई लड़ सकती है।
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पश्चिम बंगाल में 42 संसदीय सीट है, जबकि यूपी में कुल 80 संसदीय सीट है। बसपा सुप्रीमो मायावती को सपा से गठबंधन के बाद 38 सीट मिली है और ममता बनर्जी अकेले चुनाव लड़ती है तो कुल 42 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। लोकसभा चुनाव 2014 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी की लहर में भी ममता बनर्जी ने 42 में से 34 सीट पर जीती है जबकि कांग्रेस को चार, बीजेपी व लेफ्ट पार्टी को दो-दो सीट मिली थी। ममता बनर्जी इस लोकसभा चुनाव में भी इस जादू को दोहराना चाहती है। यदि ममता बनर्जी को मायावती से अधिक सीट पर जीत मिल जाती है तो पीएम पद पर दावेदारी तगड़ी हो जायेगी। पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल करके ममता बनर्जी ने दिखा दिया है कि वह विपक्ष की सबसे बड़ी नेता बन सकती है जो पीएम मोदी से सीधा लड़ाई लड़ सकती है।
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राहुल गांधी की बढ़ जायेगी परेशानी
सपा व बसपा ने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया है। इसकी मुख्य वजह है कि बसपा सुप्रीमो नहीं चाहती थी उनके गठबंधन की ताकत से राहुल गांधी मजबूत हो और फिर पीएम पद पर अपनी दावेदारी करे। ऐसे में ममता बनर्जी ने सीबीआई मुद्दे पर जिस तरह से मोर्चा खोला है और विपक्ष के अन्य नेताओं का समर्थन मिला है उससे साफ हो जाता है कि महागठबंधन में ममता बनर्जी बड़ी नेता बन सकती है इसके लिए तुणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में अधिक से अधिक संसदीय सीट जीतनी होगी।
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