महादेव की नगरी काशी से महाकाल की नगरी उज्जैन तक सीधी ट्रेन सेवा नहीं थी। दोनों ही धर्म नगरी में एक से दूसरी जगह जाने में श्रद्धालुओं को 20 से 22 घंटे तक का समय लगता था। काफी समय से बनारस से उज्जैन तक ट्रेन चलाने की बात हो रही थी जो अब पूरा होने जा रहा है। रेलवे ने ट्रेन के संचालन की सारी योजना बनायी है जिस पर अंतिम निर्णय जल्द हो जायेगी। अभी तक की योजना के अनुसार महाकाल एक्सप्रेस कैंट रेलवे स्टेशन की जगह मंडुआडीह रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर आठ से चलायी जायेगी। किस समय ट्रेन चल कर कब उज्जैन पहुंचेगी। इस पर भी जल्द ही निर्णय हो जायेगा।
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इस रूट से चलेगी महाकाल एक्सप्रेस
रेलवे की योजना के अनुसार बनारस से चल कर रायबरेली-लखनऊ होकर ट्रेन इंदौर के लिए रवाना होगी। ट्रेन को उज्जैन तक का सफर 15 घंटे के अंदर पूरा करना होगा। ट्रेन को कम से कम स्टेशन पर रोकने की योजना है। महाकाल एक्सप्रेस में सारी अत्याधुनिक सुविधा होगी। ऐसे में संभावना है कि इसका किराया आम ट्रेन से अधिक हो सकता है। शुरूआत में ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन चला कर उसका रिस्पांस देखा जायेगा। यदि ट्रेन को जबरदस्त सफलता मिलती है तो अन्य दिनों में भी चलाने पर विचार हो सकता है। फिलहाल सभी को ट्रेन के संचालन का इंतजार है।
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रेलवे की योजना के अनुसार बनारस से चल कर रायबरेली-लखनऊ होकर ट्रेन इंदौर के लिए रवाना होगी। ट्रेन को उज्जैन तक का सफर 15 घंटे के अंदर पूरा करना होगा। ट्रेन को कम से कम स्टेशन पर रोकने की योजना है। महाकाल एक्सप्रेस में सारी अत्याधुनिक सुविधा होगी। ऐसे में संभावना है कि इसका किराया आम ट्रेन से अधिक हो सकता है। शुरूआत में ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन चला कर उसका रिस्पांस देखा जायेगा। यदि ट्रेन को जबरदस्त सफलता मिलती है तो अन्य दिनों में भी चलाने पर विचार हो सकता है। फिलहाल सभी को ट्रेन के संचालन का इंतजार है।
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