वाराणसी

जानें IIT BHU President Gold Medalist श्रुति ने अपनी उपलब्धियों के बारे में क्या कहा

IIT BHU Centenary Convocation प्रेसिडेंट गोल्ड मेडलिस्ट श्रुति ने जूनियर्स को दी सलाह न लें कोई जजमेंट

वाराणसीNov 08, 2019 / 07:48 pm

Ajay Chaturvedi

श्रुति राजलक्ष्मी

डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी
वाराणसी. IIT BHU centenary convocation में बीटेक की छात्रा श्रुति राजलक्ष्मी को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इस अवार्ड को पाने के बाद पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुझे तो इसकी उम्मीद न थी। पढ़ाई के दौरान मुझे जो भी काम सौंपा गया उसे पूरी तन्मयता से पूरा किया। अब गुरुओं को ऐसा लगा कि मेरा काम प्रेसिडेंट अवार्ड के मुफीद है तो इसके लिए गुरुओं को सादर प्रणाम। यह उनका आशीर्वाद है।
श्रुति ने बताया कि वह फिलहाल बंगलूरू में गोल्डमैन सैक्स कंपनी में कार्यरत हूं। फिलहाल वहीं और बेहतर काम करना चाहती हूं। भविष्य के बारे में अभी कुछ सोचा नहीं है। उन्होंने जूनियर्स को सलाह दी कि वो जिस भी ट्रेड में पढाई कर रहे हैं उसमें ही कई क्षेत्र हैं, उनका अच्छी तरह से अध्ययन करें। समय दें, पहले से कोई जजमेंट न लें। प्री मेच्योर जजमेंट ठीक नहीं।
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दादा संग श्रुति राजलक्ष्मी
पटना, बिहार की निवासी राज लक्ष्मी ने 2015 में चार वर्षीय बीटेक सिरामिक अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। उसके बाद पहले वर्ष बीटेक सिरामिक अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम में प्रथम स्थान हासिल किया। फिर चार वर्षीय बीटेक संगणक विज्ञान व अभियांत्रिकी में अनुशासन में बदलाव किया। इन्होंने बीटेक 9.66 सीपीआई के साथ पूरा किया। चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम में पढाई के दौरान उन्होंने 11 विषयों में ए+ (उच्चतम ग्रेड) व 25 विषयो में ए ग्रेड हासिल किया।
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अपने चार वर्षीय पाठ्यक्रम में इन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर विजन स्ट्रीम पर स्ट्रीम परियोजना के तहत सफलता पूर्वक कार्य किया। परियोजना स्ट्रीमिंग डेटा के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को संशोधित करने पर आधारित थी, जहां समय को विचारों के साथ जोड़ने की अवधारणा बनती है।
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श्रुति ने तीन इंटर्नशिप भी किया है। उन्होंने पत्रिका को बताया कि इंटर्नशिप से बहुत कुछ सीखने को मिला। बताया कि दूसरे साल में पहला इंटर्नशिप एनएक्सपी सेमी कंडक्टर्स में लापता बच्चों के चेहरे की पहचान करना था। यह एक एकल गहरे तंत्रिका नेटवर्क को नियोजित करने पर आधारित थी। फिर तीसरे साल में टीसीएस इनोवेशन लैब्स, गुड़गांव (आर एंड डी) में डोमेन-विशिष्ट भावना के आधार पर ग्राहकों की शिकायतों के बारे में चैटबॉट के डॉयलॉग से संबंधित विश्लेषण का काम किया। तीसरा गोल्डमैन सैकस इंडिया में कुछ वित्तीय साधनों से जुड़े जोखिमों के गणितीय मॉडलिंग पर आधारित था। फिलहाल इसी कंपनी में काम भी कर रही हूं।

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