वाराणसी

जानिए वह पांच कारण, जिससे सवालों के घेरे में आ गया है पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर, उठा है सियासी तूफान

अखिलेश यादव ने बना लिया है सियासी मुद्दा, मायावती ने भी प्रदेश सरकार पर किया जोरदार हमला

वाराणसीOct 10, 2019 / 08:18 pm

Devesh Singh

Akhilesh Yadav and pushpendra yadav

वाराणसी. पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर अब बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है। यूपी की सत्ता में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस पर दबाव बढ़ाया है जिसके चलते पुलिस लगातार दुर्दांत किस्म के अपराधियों का एनकाउंटर करके उनका हौसला तोडऩे में जुटी हुई है। इसी बीच पुलिस का किया एक एनकाउंटर बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है। झांसी के मोंठ थाना में पुष्पेन्द्र यादव के एनकाउंटर को लेकर सपा ने आंदोलन छेड़ दिया है। अखिलेश यादव का दावा है कि यह एनकाउंटर फर्जी है जबकि पुलिस अधिकारियों की माने तो एनकाउंटर सही हुआ है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि किस आधार पर सपा इस एनकाउंटर को कटघरे में खड़ा कर रही है। यह कुछ सवाल है जिससे आधार पर ही पुलिस पर आरोप लगाये जा रहे हैं जो जांच के बाद सही या गलत साबित हो सकते हैं।
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1-पुलिस का दो तरह का बयान
पुलिस पर दो तरह का बयान देने का आरोप है। एक में थाना प्रभारी ने कहा था कि वह सिपाही के साथ एक निजी कार में गश्त पर निकले थे और रास्ते में विपिन और रविन्द्र ने उन पर हमला कर दिया। गोली उनके चेहरे को छूते हुए निकल गयी है इसके बाद वहां के पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह ने बयान दिया था कि थाना प्रभारी छुट्टी पर गये थे और अकेले ही निजी कार से लौट रहे थे कि उन पर हमला हो गया।
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2-पुष्पेन्द्र के सगे भाई का घटना में शामिल होने का आरोप
थाना प्रभारी के अनुसार उन पर हमला करते समय पुष्पेन्द्र का भाई रविन्द्र भी थी जबकि परिजनों का दावा है कि जिस समय की घटना बतायी जा रही है उस समय वह दिल्ली मेट्रो के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम स्टेशन में सारी रात ड्यूटी पर था।
3-पुष्पेन्द्र पर बड़े आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं होना
आमतौर पर जिन अपराधियों का एनकाउंटर होता है उनके खिलाफ बड़े अपराधिक मुकदमे दर्ज होते हैं आरोप है कि पुष्पेन्द्र के खिलाफ पांच मुकदमे ही सामने आये हैं जो बेहद गंभीर प्रवृत्ति को नहीं बताये जा रहे हैं। जबकि पुलिस का दावा है कि पुुष्पेन्द्र खनन माफिया था।
4-स्थानीय मीडिया का दावा, पुलिस ने नहीं जारी किया प्रेस नोट
स्थानीय मीडिया का दावा है कि पुलिस जब गुडवर्क करती है तो प्रेस नोट जारी करते हैं लेकिन पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर में पुलिस ने फोटोग्राफी भी नहीं उपलब्ध करायी। मीडिया ने जब इस बारे में पता किया तो एनकाउंटर की जानकारी सामने आयी।
5-कहा है पुष्पेन्द्र यादव का मोबाइल
परिजनों का दावा है कि पुष्पेन्द्र यादव के मोबाइल में पुलिस के रिश्चत मांगने के सबूत थे इसके चलते ही पुलिस ने एनकाउंटर किया है। पुष्पेन्द्र के मोबाइल को लेकर सारी तस्वीर अभी सामने नहीं आ पायी है। ऐसे में मोबाइल से जुड़ी कहानी बाहर आयेगी तो पता चलेगा कि पुलिस सच कह रही थी या परिजनों का दावा सही है।
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मजिस्टेरियल जांच के बाद सच्चाई आयेगी सामने
पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर की मजिस्टेरियल जांच करायी जा रही है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि इस जांच के बाद सही तस्वीर सामने आ जायेगी। यदि एनकाउंटर में पुलिस दोषी मिलते हैं तो उनके खिलाफ नियमनुयार कार्रवाई की जायेगी। यदि एनकाउंटर सही होगा तो सारे आरोप निराधार साबित हो जायेंगे। फिलहाल पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर को लेकर सपा को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है जिनकी धमक बनारस तक सुनायी दे रही है। यहां के नाटी इमली के विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप में पहली बार यादव महासभा के कुछ लोगों ने एनकाउंटर की जांच कराने की मांग को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया।
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