‘गौरा के हरदी लगावा, गोरी के सुंदर बनावा…’
ढोलक की थाप और मजीरे की खनक के बीच मंगल गीत गाते हुए महिलाओं ने गौरा को हल्दी लगाई। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो उठा। लोक संगीत के बीच बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चला। ‘गौरा के हरदी लगावा, गोरी के सुंदर बनावा…’,‘सुकुमारी गौरा कइसे कैलास चढ़िहें…’, ‘गौरा गोदी में लेके गणेश विदा होइहें ससुरारी…’ आदि गीतों में गौने के दौरान दिखने वाली दृश्यावली का बखान किया गया।
ढोलक की थाप और मजीरे की खनक के बीच मंगल गीत गाते हुए महिलाओं ने गौरा को हल्दी लगाई। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो उठा। लोक संगीत के बीच बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चला। ‘गौरा के हरदी लगावा, गोरी के सुंदर बनावा…’,‘सुकुमारी गौरा कइसे कैलास चढ़िहें…’, ‘गौरा गोदी में लेके गणेश विदा होइहें ससुरारी…’ आदि गीतों में गौने के दौरान दिखने वाली दृश्यावली का बखान किया गया।
‘साठी क चाऊर चूमिय चूमिय..’
मंगल गीतों में यह चर्चा भी की गई कि गौना के लिए कहां क्या तैयारी हो रही है। दुल्हे के स्वागत के लिए कौन-कौन से पकवान पकाए जा रहे हैं। सखियां पार्वती का साज शृंगार करने के लिए कैसे कैसे सुंदर फूल चुन कर ला रही हैं। हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए ‘साठी क चाऊर चूमिय चूमिय..’ गीत गाकर महिलाओं ने गौरा की रजत मूर्ति को चावल से चूमा। गौरा के तेल-हल्दी की रस्म के लिए महंत डा. कुलपति तिवारी सानिध्य मे संजीव रत्न मिश्र ने माता गौरा का श्रृंगार किया और अंकशास्त्री पं. वाचस्पति तिवारी के संयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम “शिवांजली” के अंतर्गत अराधना सिंह, पुनीत पागल, सजय दूबे, प्रियंका पांडेय और रीता शर्मा ने शिव भजनों की प्रस्तुति की।
मंगल गीतों में यह चर्चा भी की गई कि गौना के लिए कहां क्या तैयारी हो रही है। दुल्हे के स्वागत के लिए कौन-कौन से पकवान पकाए जा रहे हैं। सखियां पार्वती का साज शृंगार करने के लिए कैसे कैसे सुंदर फूल चुन कर ला रही हैं। हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए ‘साठी क चाऊर चूमिय चूमिय..’ गीत गाकर महिलाओं ने गौरा की रजत मूर्ति को चावल से चूमा। गौरा के तेल-हल्दी की रस्म के लिए महंत डा. कुलपति तिवारी सानिध्य मे संजीव रत्न मिश्र ने माता गौरा का श्रृंगार किया और अंकशास्त्री पं. वाचस्पति तिवारी के संयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम “शिवांजली” के अंतर्गत अराधना सिंह, पुनीत पागल, सजय दूबे, प्रियंका पांडेय और रीता शर्मा ने शिव भजनों की प्रस्तुति की।
14 मार्च को निकलेगी गौना बारात
चौदह मार्च को रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा को लेकर लोकाचार के लिए महंत आवास पर पालकी की मरम्मत से लेकर बाबा के राजसी स्वरूप और पुजन परंपरा के साथ गौरा के गौना के सामानो को सूची बद्ध कर लिया गया है।
चौदह मार्च को रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा को लेकर लोकाचार के लिए महंत आवास पर पालकी की मरम्मत से लेकर बाबा के राजसी स्वरूप और पुजन परंपरा के साथ गौरा के गौना के सामानो को सूची बद्ध कर लिया गया है।