नक्काशीदार खंभों से तैयार परिसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च, 2019 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की आधारशिला रखी थी। तब कॉरिडोर पर लगभग 339 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था। लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर करीब 800 करोड़ रुपये कर दिया गया। मुख्य परिसर के अंदर चारों तरफ नक्काशीदार खंभे, मेहराब और महीन जालियां लगी हैं। पूरा कॉरिडोर मकराना मार्बल सहित अन्य सात तरीकों के पत्थर से तैयार दिया जाएगा। इनमें मकराना पत्थरों के लिए काम शुरू हो चुका है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के अनुसार, मंदिर परिसर 33,075 स्क्वायर फीट में बन रहा है। जबकि पूरा कॉरिडोर 5,27,730 स्क्वायर फीट भूमि पर बन रहा है। वहीं, मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के अनुसार, फर्श पर पत्थर लगाने काम चल रहा है। ज्यादातर बिल्डिंग के इंटीरियर पर भी काम शुरू हो गया है। 314 भवन अधिग्रहण हुए हैं।
गंगा से होगा खास आकर्षण परियोजना का खास आकर्षण गंगा की ओर से होगा। इस तरफ भी भव्य गेट बनाया जाएगा। इसके अलावा गंगा गैलरी के निर्माण से 40 करोड़ रुपये तक के बजट बढ़ोतरी का आंकलन किया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रख परियोजना में कई संशोधन किए गए।
2022 विधानसभा चुनाव को भुनाएगा विश्वनाथ मॉडल बीएचयू के राजनीतिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा कहते हैं कि काशी विश्वनाथ मॉडल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम होगा। आगामी चुनाव में नई तरीके की राजनीति संस्कृति जन्म लेगी। इस नाते श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर दोनों ही चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। सरकार इसको पूरा करके चुनाव में मॉडल प्रस्तुत करेगी।