वाराणसी

52000 वर्ग मीटर में बन रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, सभी भवनों के होंगे विशिष्ट नाम

Kashi Vishwanath Corridor being built in 52000 square meters- काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) में बनने वाला हर भवन अब अपने एक विशिष्ट नाम से जाना जाएगा। नाम इस तरह रखा जाएगा जिससे काशी की संस्कृति, साहित्य, सौंदर्य आदि का वर्णन हो।

वाराणसीAug 07, 2021 / 01:30 pm

Karishma Lalwani

Kashi Vishwanath Corridor being built in 52000 square meters

वाराणसी. Kashi Vishwanath Corridor being built in 52000 square metersकाशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) में बनने वाला हर भवन अब अपने एक विशिष्ट नाम से जाना जाएगा। नाम इस तरह रखा जाएगा जिससे काशी की संस्कृति, साहित्य, सौंदर्य आदि का वर्णन हो। इसके लिए मंदिर प्रशासन शहरवासियों के बीच एक प्रतियोगिता आयोजित कराएगा। इसमें जिस नाम पर सबसे ज्यादा सहमति बनेगी उसे ही चुना जाएगा। करीब 52000 वर्ग मीटर में बन रहे कॉरिडोर परिक्षेत्र के भवनों के साथ मंदिर परिसर की चारों दिशा में निर्माणाधीन प्रवेश द्वारों के भी नामकरण होंगे। वर्तमान में ये प्रवेश द्वार संख्या के आधार पर पहचाने जाते हैं।
चार नामों से जाने जाते हैं प्रवेश द्वार

विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह तक जाने के लिए चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इनके नाम मुख्य मार्ग के आधार पर रखे गए हैं। चौक-विश्वनाथ मार्ग पर पड़ने वाले गेट को वीआईपी, छत्ताद्वार और ज्ञानवापी गेट के नाम से जाना जाता था। गोदौलिया चौराहे से आने वाले मार्ग के गेट को ढुंढिराज प्रवेश द्वार, दशाश्वेध घाट, ललिता, कालिका गली से मंदिर जाने वाले प्रवेश मार्ग को सरस्वती द्वार और मणिकर्णिका घाट से आने वाले मार्ग के प्रवेश द्वार को नीलकंठ गेट के नाम से जाना जाता था।
64 फीसदी काम निर्माण पूरा

काशी विश्वनाथ धाम का कार्य 64 फीसदी पूरा हो चुका है। गंगा किनारे बाढ़ का पानी आ जाने की वजह से कुछ काम बाधित हो गया है लेकिन नवंबर तक धाम की रूपरेखा पूरी तरह से बनकर तैयार किए जाने का लक्ष्य है।
गंगा छोर पर होगा गेटवे ऑफ कॉरिडोर

काशी विश्वनाथ धाम के गंगा छोर पर गेटवे ऑफ कॉरिडोर बनेगा। सड़क से गंगा तट मणिकर्णिका घाट जलासेन और ललिता घाट तक 50,200 वर्ग मीटर विस्तारित कॉरिडोर बनेगा। काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से पहले गंगा स्नान या आचमन की मान्यता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जलासेन घाट पर बनाए जा रहे गेट को खास रूप दिया जाएगा। नक्काशीदार पत्थर और लकड़ियां कॉरिडोर के अन्य तीन द्वार गिट्टी से ढाले जा रहे हैं। गंगा छोर पर यह पूर्वी गेट मुख्य परिसर के चार द्वारों की तरह चुनार के पत्थरों से आकार दिया जाएगा। इसकी ऊंचाई 32 फीट व चौड़ाई 90 फीट होगी।
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