वाराणसी

आईआईटी बीएचयू के शोध में दावा, हड्डी जोड़ना और अंग प्रत्यारोपण होगा और सुरक्षित व सस्ता

‘निकल’ मुक्त सर्जिकल ग्रेड स्टेनलेस स्टील की धातु का होगा प्रयोग

वाराणसीJul 03, 2021 / 09:12 pm

रफतउद्दीन फरीद

IIT BHU

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. हड्डी टूट जाने पर उसे जोड़ने या सपोर्ट देने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले राॅड के साइड इफेक्ट जल्द ही गुजरे जमाने की बातें होंगी। आईआईटी बीएचयू की टीम का दावा है कि उसने अब तक प्रयोग किये जाने वाली धातु की जगह एक नई सर्जिकल ग्रेड स्टेनलेस स्टील की धातु पर शोध किया है, जो निकल मुक्त है। सस्ती होने के साथ ही यह सुरक्षित भी है। निकल रहित होने के चलते यह धातु करीब 100 रुपये किलो तक सस्ती पड़ सकती है।


आईआईटी बीएचयू के मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग विभग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. गिरजा शंकर माहोबिया के अनुसार अभी जो धातु प्रयाेग में लाई जाती है उनमें टाइटेनियम, कोबाल्ट-क्रोमियम और ’निकल’ युक्त स्टेनलेस स्टील जैसी धातुएं इस्तेमाल की जाती हैं निकल तत्व की मौजूदगी के चलते उसके साइड इफेक्ट की आशंका बनी रहती है। थकान, सूजन और स्किन एलर्जी जैसे सामान्य साइड इफेक्ट के साथ ही फेफड़े, किडनी और दिल की बीमारी का खतरा रहता है। शरीर के अंदर धातु में जंग लगने की स्थिति में दूसरे तत्वों के साथ निकलने वाले निकल 20 मीलीग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से घुल सकता है। यह बेहद खतरनाक है।


दावा किया गया है कि आईआईटी बीएचयू के मेटलर्जी विभाग की टीम ने जिस धातु का शोध किया है वह निकल रहित होने के चलते बाॅडी फ्रेंडली है। इसके अलावा वजन में भी काफी हल्की व सस्ती है। प्रोफेसर माहोबिया क मानें तो यह नया सर्जिकल स्टील चुंबक से नहीं चिपकता और वर्तमान में उपयोग होने वाली धातु से दोगुना मजबूत है। इसके चलते इसे बनने वाले उपकरण का वजन आधा रह जाएगा। नई धातु में मिलावट बिल्कुल भी नहीं होने से थकान नहीं होगी।


प्रो. माहोबिया के अनुसार साल 2015 में इस्पात मंत्रालय को निकल रहित धातु बनाने के लिये प्रोजेक्ट जमा किया गया और 2016 में इसे हरी झंडी मिली। नई धातु के लिये 2020 में पेटेंट फाइल किया गया है।


प्रो. माहोबिया बताते हैं कि अभी वर्तमान समय में टाइटेनयिम, कोबाल्ट क्रोमियम और नकिल आधारित सर्जिकल ग्रेड स्टेनलेस स्टील की धातु जैसे (316एल) का प्रयोग अंग ट्रांसप्लांट में हो रहा है। टाइटेनियम और कोबाल्ट क्रोमियम से बने उत्पाद बेहद महंगे होते हैं और इनके साथ कई प्रकार की समस्याएं भी जुड़ी होती हैं। इसके अलावा निकल आधारित धातु (316एल) स्टेनलेस स्टील सस्ता तो है पर इसका निकल नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसके उलट नई सर्जिकल ग्रेड स्टेलेस स्टील की धातु निकल मुक्त होने के चलते हानिकारक भी नहीं और सस्ती भी हैं। कुल मिलाकर नए शोध में किये गए दावे आगे चलकर हड्डी जोड़ने और अंग प्रत्यारोपण को बेहद सुरक्षित और सस्ता बना देंगे।

Hindi News / Varanasi / आईआईटी बीएचयू के शोध में दावा, हड्डी जोड़ना और अंग प्रत्यारोपण होगा और सुरक्षित व सस्ता

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.