वाराणसी

पिता का सपना सच करने के लिये अपना ख्वाब अधूरा छोड़ा, पहले IPS और अब IAS बनकर कर रही देश की सेवा

2016 बैच की आईएएस अधिकारी हैं गरिमा सिंह, 2012 में आईपीएस बनीं थी गरिमा सिंह

वाराणसीJan 15, 2019 / 08:21 pm

Akhilesh Tripathi

आईएएस अधिकारी गरिमा सिंह

वाराणसी. पापा के सपनों को पूरा करने के लिये अपने ख्वाब को अधूरा छोड़ा और पहले ही प्रयास में आईपीएस की परीक्षा उतीर्ण करने वाले गरिमा सिंह की कहानी काफी प्रेरणादायक है । आईपीएस रहते हुए गरिमा सिंह ने 2016 में सिविल सर्विसेज परीक्षा में 55 वां रैंक हासिल किया और अब आईएएस बनकर देश की सेवा कर रही हैं । गरिमा सिंह वर्तमान में झारखंड में तैनात हैं और अक्सर अपने कामों की वजह से सुर्खियों में भी रहती है ।
 

यूपी के बलिया की रहने वाली है गरिमा सिंह
गरिमा सिंह मूल रूप से यूपी के बलिया जिले के कथौली गांव की रहने वाली हैं। बचपन में उनका सपना एमबीबीएस की पढ़ाई कर डॉक्टर बनने का था। मगर गरिमा के पिता चाहते थे कि वह सिविल सर्विस में आये । गरिमा सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए और एमए (हिस्ट्री) की पढ़ाई की। गरिमा के पिता पेशे से इंजीनियर हैं । गरिमा सिंह ने 2012 में सिविल सर्विसेज का एग्जाम दिया था और अपने पहले ही प्रयास में उनका सेलेक्शन आईपीएस में हो गया। इसके बाद उन्होंने लखनऊ में 2 वर्षों तक प्रशिक्षु एएसपी का कार्यभार भी संभाला था और झांसी में एसपी सिटी के रूप में भी तैनात रह चुकी हैं. एसपी रहते हुए उन्होंने वर्ष 2016 में सिविल सर्विसेज परीक्षा में 55 वां रैंक हासिल किया और आईएएस बनी । गरिमा ने IPS बनने के 2 साल बाद शादी की। गरिमा के पति इंजीनियर हैं और नोएडा में जॉब करते हैं।
 

कभी पुलिस को लेकर थी कड़वाहट
जब गरिमा दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहीं थीं तो पढाई के दौरान मैं एक मॉल से रात में दोस्तों के साथ ह़ॉस्टल लौट रही थी।, रात ज्यादा हो चुकी थी। तभी चेकिंग के लिए तैनात पुलिसवाले ने उनका रिक्शा रोक लिया। पुलिसवालों ने उनसे पूछा- रात में कहां से आ रही हो, कहां जाना है जैसे सवाल पूछने के बाद पुलिस वाले ने हमसे 100 रुपए मांगे। जब हमने मना किया तो मेरे पापा को फोन कर रात में घूमने की शिकायत करने की धमकी देने लगा। थोड़ी बहस के बाद पुलिस वाले ने उन्हें जाने तो दिया, लेकिन इस घटना ने गरिमा के मन में पुलिस के प्रति कड़वाहट भर दी थी।

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