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वाराणसी

छात्रों को मिलेगी रामायण-महाभारत शिक्षा, बीएचयू में शुरू होगा देश का पहला हिंदू अध्ययन कोर्स

Hindu Addhyan Course will be Started in Banaras Hindu University- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में देश का पहला हिंदू अध्ययन कोर्स शुरू किया जाएगा। कोर्स के लिए आवेदन करने का अंतिम समय 7 सितंबर है। केंद्र के चेयर प्रोफेसर राकेश उपाध्याय ने दावा किया है कि बीएचयू देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां हिंदू अध्ययन की शिक्षा दी जाएगी। वहीं विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्मार्ट क्लसेस की सुविधा दी जाएगी।

वाराणसीAug 18, 2021 / 05:04 pm

Karishma Lalwani

Hindu Addhyan Course will be Started in Banaras Hindu University

Hindu Addhyan Course will be Started in Banaras Hindu University

वाराणसी. Hindu Addhyan Course will be Started in Banaras Hindu University. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में देश का पहला हिंदू अध्ययन कोर्स शुरू किया जाएगा। छात्रों के लिए हिंदू धर्म के अध्ययन की शिक्षा की शुरुआत होने जा रही है। इस शिक्षा में छात्रों को हिंदुत्व की पुरातन विद्या, परंपरा, कौशल और धर्म- विज्ञान के विषयों से रूबरू कराया जाएगा। इसके साथ ही गुरुकुल शिक्षा पद्धिति भी शामिल है और प्राचीन धर्म शास्त्र के व्यावहारिक पहलुओं का अध्ययन और प्रयोग भी होगा। यह कोर्स दो साल का होगा और इसमें कुल सीटें 40 होगी। कोर्स के लिए आवेदन करने का अंतिम समय 7 सितंबर है। केंद्र के चेयर प्रोफेसर राकेश उपाध्याय ने दावा किया है कि बीएचयू देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां हिंदू अध्ययन की शिक्षा दी जाएगी। वहीं विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्मार्ट क्लसेस की सुविधा दी जाएगी। अत्याधुनिक तकनीक के सहारे डिजिटल दुनिया के अन्य देशों के छात्र भी इस कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे।
परीक्षा में पूछे जाएंगे यह सवाल

बीएचयू में शुरू होने वाले इस नए कोर्स में स्थापत्य कला और पुरातात्विक साक्ष्यों की शिक्षा दी जाएगी। इस अध्ययन में प्राचीन भारतीय इतिहास और प्राचीन काल में हिंदू सम्राटों द्वारा उपयोग में आने वाले उपकरणों, हथियारों, स्थापत्य कला जैसे कई चीजों को साक्ष्यों के आधार पर समझाया जाएगा। संस्कृत विभाग श्लोकों के जरिए शास्त्रों और ग्रंथों के व्यावहारिक ज्ञान की भी शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही छात्रों को रामायण और महाभारत की शिक्षा भी मिलेगी। साथ ही स्वामी विवेकानंद के स्थापित जीवन सिद्धांतों और नियमों के अनुकूल छात्रों को शिक्षित किया जाएगा। इस कोर्स का एंट्रेस एग्जाम 3 अक्टूबर, 2021 को होगा। परीक्षा में हिंदू धर्म और शास्त्रों से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे।
यूपी में अब संस्कृत पढ़ने वालों को भी मिलेगा वजीफा

यूपी में अंग्रेजी और कंप्यूटर पढ़ने वालों के साथ संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वजीफा मिलेगा। उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से लखनऊ समेत सूबे में करीब एक लाख विद्यार्थियों को वजीफा दिया जाएगा। दो से छह हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। वजीफा सभी धर्म के लोगों को दिया जाएगा। उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। छात्रवृत्ति के लिए इच्छुक छात्र उप्र संस्कृत संस्थानम् की वेबसाइट (यूपीसंस्कृतसंस्थान.इन) या विद्यालय से जानकारी ले सकते हैं। प्रदेश के 1175 संस्थानों में पढ़ने वाले करीब एक लाख छात्रों को कक्षा के हिसाब से छात्रवृत्ति दी जाएगी। 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को दो हजार रुपये, 9 से 10 तक वाले को पांच हजार रुपये और 11 से 12 की कक्षा में पढ़ने वाले को छह हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति मिलेगी। कक्षा 8 तक के विद्यार्थी ऑनलाइन और आगे के विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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