खिड़किया घाट को पर्यटकों के लिहाज से आधुनिक सुविधाओं वाला घाट बनाने का प्लान वर्ष 2020 में देव दीपावली पर पीएम मोदी के आगमन के साथ ही हुआ था। प्रधानमंत्री ने खिड़किया घाट से ही गंगा किनारे उतर कर ‘देवलोक’ जैसे बनारस का नजारा देखा था, जिसे अब अमलीजामा पहनाने का काम शुरू हो चुका है। 11.5 एकड़ में 35 करोड़ की लागत से 600 मीटर लंबा घाट गाबियन और रेटेशन वॉल तैयार किया गया है। इसे इस तरह बनाया गया है कि बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति में भी सुरक्षित महसूस हो। पहले चरण का काम दिसंबर में पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण का काम अगले साल मार्च तक पूरा होने की संभावना है।
एक ही जगह सारी सुविधाएं वर्तमान में काशी के घाटों पर वाहनों से पहुंचना संभव नहीं है। लेकिन खिड़किया घाट पर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से भी सीधे गाड़ियां आसानी से पहुंच पाएंगी। यहां पार्किंग की व्यवस्था की गई है। टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहन सीधे घाट तक पहुंच सकेंगे। फूड प्लाजा, आरओ प्लांट, हैंडीक्राफ्ट उत्पाद बेचने के लिए शिल्पियों के लिए अलग जगह के साथ यहां वह सारी सुविधाएं एक जगह मिलेगी। पर्यटक यहां वॉटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकेंगे तो विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए टिकट भी मिलेगी। इसी के साथ यहां लाइब्रेरी, योग और मेडिटेशन केंद्र का भी निर्माण हो रहा है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नावों के लिए सीएनजी स्टेशन भी खिड़किया घाट पर ही खोला गया है।
जल, थल, नभ से जुड़ेगा खिड़किया घाट इस बारे में वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि मॉडल मिनी टर्मिनल के रूप में विकसित होने वाला खिड़किया घाट जल, थल और नभ से जुड़ा होगा। देव दीपावली जैसे अवसरों पर क्राउड मैनेजमेंट में बेहद उपयोगी साबित होगा। पास के ही राजघाट और भैंसासुर घाट का भी जीर्णोद्धार कर खिड़किया घाट से जोड़े जाने से काशी के प्रमुख घाटों की शृंखला में खिड़किया घाट भी शामिल हो जाएगा।