दरअसल, ASI मतलब है अर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया। इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी कहते हैं। ASI संस्था को अंग्रेजों के शासनकाल के समय साल 1861 में बनाया गया था। यह संस्था भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह संस्था देश में ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का काम करती है। ये राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों का रख- रखाव, मेंटनेंस और अन्य जरूरी काम करती है। इसके अलावा, देश के किसी हिस्से में पुरातात्विक इमारतें, संरचनाएं या वस्तुएं मिलने पर भी उसकी जांच-पड़ताल ASI ही करता है।
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कैसे होता है ASI सर्वे?ASI प्राचीन धरोहर और ऐतिहासिक इमारतों से जुड़े तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए जाना जाता है। ये काम साइंटिफिक तरीके से किया जाता है। जिससे कि किसी भी तरह की कोई गलती ना हो। इसके अलावा ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक के माध्यम से सर्वे क्षेत्र के अतीत का गहराई से अध्ययन किया जाता है। यही वजह है कि इसकी विश्वसनियता भी काफी अधिक होती है।
अब आपको ये भी बताते हैं कि आखिरकार ASI द्वारा किए गए सर्वे पर नजर कौन रखता है। दरअसल, ASI विभाग संस्कृति मंत्रालय के अधीन आता है। जब किसी ऐतिहासिक इमारत या खंडहर का ASI की टीम सर्वे करती है, तो संस्कृति मंत्रालय उस पर निगरानी रखता है। हालांकि, कुछ मामलों में जब कोर्ट के आदेश पर सर्वे होता है, तो कोर्ट भी सर्वे के मॉनिटरिंग करता है।