यह भी पढ़े – 17 अक्टूबर को अलीगढ़ में रहेंगे CM योगी आदित्यनाथ, करोंड़ों की योजनाओं का देंगे तोहफा चार महिलाओं ने कोर्ट में लगाई थी अर्जी बता दें कि वजूखाने मिले शिवलिंग को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा था। एक तरफ मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा था तो दूसरी तरफ हिंदू पक्ष शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग कर रहा था। वहीं शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को लेकर दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की चार महिलाओं ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी। मामले की सुनवाई जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने की। इस मौके पर कोर्ट में 62 लोग मौजूद रहे। दोनों पक्षों के वकीलों ने जज के सामने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। जिसे सुनने के बाद फिलहाल कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की हिंदू पक्ष की मांग को खारिज कर दिया है।
यह भी पढ़े – कान्हा की नगरी में क्रूज स्टीमर लाने की तैयारी, वृंदावन से गोकुल तक बनेगा जल मार्ग मई में हुआ था ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे गौरतलब है कि इसी साल मई में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराया गया था। जिस पर हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में बीच में एक कथित शिवलिंग मिला है। जिसपर मुस्लिम पक्ष की तरफ से उसे मात्र फव्वारा बताया गया था। इस पर हिंदू पक्ष ने शिवलिंग की जांच के लिए कार्बन डेटिंग कराने के साथ-साथ वैज्ञानिक जांच कराई जाने की मांग की थी, जिससे उसकी उम्र का पता चल सके। साथ ही शिवलिंग को कोई नुकसान भी न हो। गौरतलब है कि किसी वस्तु की उम्र और समय का पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग कराई जाती है। इससे 20 हजार साल पुरानी वस्तुओं की उम्र का पता लगाया जा सकता है।