सर्वे की वीडियो-फोटो लीक होने को प्रतिवादी ने बताया बड़ी साजिश ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से जुड़ी वीडियो और फोटो के लीक होने को प्रतिवादी पक्ष ने बड़ी साजिश करार दिया है। वहीं वादी पक्ष का कहना है कि जिला जज अदालत से मिले वीडियो और फोटोग्राफ्स से संबंधित सीडी के सीलबंद लिफाफे तो अभी तक खोले भी नहीं गए हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि वो मंगलवार को इन सीलबंद लिफाफो को कोर्ट को वापस कर देंगे। साथ ही लीक प्रकरण की जांच की मांग करेंगे, ताकि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो सके।
प्रतिवादी भी दाखिल करेगा आपत्ति
इस मामले में प्रतिवादी पक्ष ने भी कहा है कि सर्वे से संबंधित वीडियो-फोटो लीक प्रकरण में कोर्ट में आपत्ति दाखिल करेंगे। उन्होंने परोक्ष रूप से वादी पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सभी को पता है कि सर्वे से जुड़े वीडियो और फोटो किसे मिले हैं। ऐसे में वो कोर्ट से दरख्वास्त करेंगे कि जिसके भी वजह से वीडियो और फोटो लीक हुआ है उसकी पहचान कर उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
इस मामले में प्रतिवादी पक्ष ने भी कहा है कि सर्वे से संबंधित वीडियो-फोटो लीक प्रकरण में कोर्ट में आपत्ति दाखिल करेंगे। उन्होंने परोक्ष रूप से वादी पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सभी को पता है कि सर्वे से जुड़े वीडियो और फोटो किसे मिले हैं। ऐसे में वो कोर्ट से दरख्वास्त करेंगे कि जिसके भी वजह से वीडियो और फोटो लीक हुआ है उसकी पहचान कर उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
सोमवार की शाम को ही मिले थे फोटो-वीडियो संबंधित सीडी के सील बंद लिफाफे बता दें कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से संबंधित वीडियो और फोटो से संबंधित सीडी के सीलबंद लिफाफे सोमवार की शाम को ही वादी पक्ष से हलफनामा लेकर सौंपे गए थे। ये सीलबंद लिफाफे चारों वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी को मिले थे। हालांकि इस संबंध में 24 मई को ही आदेश हो चुका था। लेकिन वादिनियों को वीडियो-फोटो की सीडी मिलने के कुछ ही पलों में लीक हो गए और ये मीडिया के हाथ लग गए। यहां ये भी बता दें कि प्रतिवादी ने पहले ही ये कहा था कि सर्वे की वीडियो और फोटो मीडिया को न सौंपे जाएं। उन्होंने ये भी कहा था कि कुछ लोग क्षद्म नाम से सर्वे रिपोर्ट, वीडियो-फोटो हासिल करने के चक्कर में है।
मीडिया के समक्ष आकर वादी पक्ष ने दी सफाई सर्वे से संबंधित वीडियो और फोटो लीक होने के बाद वादी पक्ष मीडिया के सामने आया और अपनी सफाई पेश की। मीडिया को सीलबंद लिफाफे दिखाते हुए दावा किया कि उनके स्तर से ये लीक नहीं हुए हैं। उन्होंने लीक मामले को गहरी साजिश करार दिया। साथ कहा कि ये सीलबंद लिफाफे कोर्ट को वापस कर देंगे।
प्रतिवादी ने कहा कुछ लोग माहौल बिगाड़ना चाहते हैं
उधर प्रतिवादी पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर सर्वे से जुड़े वीडियो और फोटो सीडी वादी ने अदालत से हासिल की है। उन्होंने अभी तक इसे प्राप्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हम लोगो ने पहले ही आशंका जताई थी कि सर्वे से जुड़ी वीडियो- फोटो का दुरुपयोग हो सकता है।
उधर प्रतिवादी पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर सर्वे से जुड़े वीडियो और फोटो सीडी वादी ने अदालत से हासिल की है। उन्होंने अभी तक इसे प्राप्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हम लोगो ने पहले ही आशंका जताई थी कि सर्वे से जुड़ी वीडियो- फोटो का दुरुपयोग हो सकता है।
जनता को गुमराह करने की कोशिश का इल्जाम
प्रतिवादी पक्ष के वकील यादव ने आरोप लगया कि कि कोर्ट में पेश की जा रही दलील की काट तो वादी को मिल नहीं रहा, ऐसे में वीडियो-फोटो लीक कर विपक्षी आमजन को बरगलाने में जुट गए हैं। अधिवक्ता बोले, इसे बड़ी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। सर्वे का वीडियो लीक करना अदालत के आदेश की अवहेलना है। इस प्रकरण पर कोर्ट में आपत्ति दायर कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।
प्रतिवादी पक्ष के वकील यादव ने आरोप लगया कि कि कोर्ट में पेश की जा रही दलील की काट तो वादी को मिल नहीं रहा, ऐसे में वीडियो-फोटो लीक कर विपक्षी आमजन को बरगलाने में जुट गए हैं। अधिवक्ता बोले, इसे बड़ी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। सर्वे का वीडियो लीक करना अदालत के आदेश की अवहेलना है। इस प्रकरण पर कोर्ट में आपत्ति दायर कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।
बिसेन के आवेदन पर आज होगी सुनवाई इस बीच विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की ओर से स्पेशल सीजेएम कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को होगी सुनवाई। इस प्रार्थना पत्र में बिसेन ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और उनके समर्थकं पर ज्ञानवापी परिसर स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर के ढांचे को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।