एसटीएफ गिरफ्तार डॉक्टर दंपत्ति को गोरखपुर ला रही। उनके अलावा हादसे की रात ऑक्सीजन सिलिण्डर की व्यवस्था कर हीरो बने डॉ. कफील की गिरफ्तारी के लिये भी गोरखपुर में कई जगह छापेमारी की गई। देर रात उनके घर पर भी छापेमारी की गई। इस सब पर कुछ दिन पहले ही प्रमुख सचिव की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर एफआईआर दर्ज किया गया है।
सुनिये एसएसपी ने गिरफ्तारी को लेकर क्या कहा… इन लोगों के खिलाफ हुआ है एफआईआर आरोपी 1: लिक्विड ऑक्सीजन आपूर्तीकर्ता पुष्पा सेल्स का मनीष भंडारी ये है आरोप: पुष्पा सेल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी थी। ऑक्सीजन जीवनरक्षक है। इसकी आपूर्ती बंद करना गुनाह है। इसके लिए आपूर्तीकर्ता मनीष भंडारी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।
आरोपी 2,3,4 : लेखा विभाग के तीन कर्मचारी ये है आरोप: लेखाविभाग भी मौत के मंजर की पटकथा लिखने में अहम सहयोग का गुनाहगार है। जिस कमीशन की बात हो रही उसकी नींव यहीं है। हालांकि, भेजी गई रपट के अनुसार इन पर आरोप है कि जब शासन से बजट आया तो प्राचार्य को बताने में लेटलतीफी की गई। उनके पास पत्रावली देर से पेश की गई। इन आरोपों में कार्यालय सहायक उदय प्रताप शर्मा, लिपिक संजय कुमार त्रिपाठी व सहायक लेखाकार सुधीर कुमार पांडेय की लिप्तता पाई गई। इस लिए इनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
आरोपी 5: निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा यह है आरोप: रपट के अनुसार बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा का अपने ही स्टाफ व सहयोगी डॉक्टर्स पर कोई प्रभाव नहीं। इनके आदेशों की अनदेखी तक करते रहे। प्राचार्य को सब पता होने के बाद भी ऑक्सीजन सप्लाई सुचारू रहे इसके लिए कोई पहल नहीं की गई। यहां तक कि आपूर्ति बंद होने की चेतावनी सम्बंधित सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी। हद तो यह कि मेडिकल कॉलेज में इतने बड़े संकट की आशंका को जानने के बाद भी 9 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के तत्काल बाद छुट्टी पर चले गए। उनपर खुद मुख्यमंत्री भी आरोप लगा चुके हैं कि वह दो दिन पहले चार घंटे तक मेडिकल कॉलेज में रहे लेकिन एक बार भी इस संभावित संकट पर चर्चा नहीं की। इसलिए इनपर केस दर्ज हुआ।
आरोपी 7: डॉ.कफील खान यह 100 नम्बर के प्रभारी थे। ऑक्सीजन ख़त्म होने की बात अधिकारियों तक समय से नहीं पहुंचाई। इसके अलावा इनपर प्राइवेट प्रैक्टिस का भी आरोप है। इसलिए ये भी इस मामले में आरोपी हैं और इनके खिलाफ भी केस दर्ज है।
by DHIRENDRA GOPAL